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मप्र में धर्मांतरण, लव जिहाद का कुचक्र चलाने की कोशिश: शिवराज

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बीते दिनों हुई कट्टरवादी संगठन हिज्ब-उत-तहरीर (Hizb-Ut-Tahrir) के 11 सदस्यों की गिरफ्तारी ने कई गंभीर मसले सामने ला दिए हैं। सरकार को इस बात का भी पता चला है कि यह लोग लव जिहाद (Love Jihad) फिर धर्मांतरण और उसके बाद आतंकी गतिविधियों में लोगों को जोड़ने का अभियान चलाए हुए हैं। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक के दौरान कहा लव जिहाद, धर्मांतरण और फिर उनको आतंकवादी गतिविधियों में लगाने का कुचक्र कुछ लोग चला रहे हैं। वह किसी भी कीमत पर सफल नहीं होने देंगे। मुख्यमंत्री चौहान ने आगे कहा कि कई तत्व सामने आए हैं, ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई जारी है। राज्य में ऐसे क्रियाकलापों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा।

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मुख्यमंत्री चौहान ने कहा मध्य प्रदेश और हैदराबाद से भी एटीएस (ATS) और केंद्रीय जांच एजेंसी की मुहिम में ऐसे लोगों को पकड़ा गया है। ज्ञात हो कि बीते दिनों तेलंगाना, मध्यप्रदेश की एटीएस और केंद्रीय जांच ब्यूरो की संयुक्त मुहिम में भोपाल (Bhopal) में 10 और छिंदवाड़ा में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया था, जो हिज्ब-उत-तहरीर कट्टरवादी संगठन से जुड़े हुए हैं। वे समाज विरोधी गतिविधियों में शामिल थे। इसके अलावा हैदराबाद से भी पांच लोगों की गिरफ्तारी हुई थी। इन आरोपियों के पास से भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण के अलावा देश विरोधी साहित्य सामग्री और डिजिटल दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं। ज्ञात हो कि इन लोगों से तलाशी के दौरान भारी मात्रा में तकनीकी उपकरण, देश विरोधी एवं जिहादी साहित्य, विस्फोटक बनाने का साहित्य एवं सामग्री और डिजिटल दस्तावेज बरामद किए गए थे।

हिज्ब-उत-तहरीर के इन सदस्यों के खिलाफ देश के लोगों को भड़का कर भारत में इस्लामिक शरिया कानून कायम करना था। बताया गया है कि हिज्ब-उत-तहरीर एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है। यह संगठन पूर्व में तहरीक-ए-खिलाफत के नाम से जाना जाता था। यह विश्व में खलीफा के शासन का और शरिया कानून लागू करने का समर्थक है। यह संगठन भारत में गोपनीय रूप से मुस्लिम युवकों में विरोध की विचारधारा को फैलाने के लिए एवं संगठन का विस्तार करने के लिए कार्य कर रहा है। संगठन से जुड़े व्यक्ति विभिन्न देशों में हिंसक गतिविधियों में भी शामिल रहे हैं। यह संगठन 50 से अधिक देशों में सक्रिय है तथा 16 देशों में इस पर प्रतिबंध भी है। (आईएएनएस)

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