सरकार बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे दोनों दल

भोपाल। एक तरफ जहां सत्ताधारी दल भाजपा का प्रादेशिक नेतृत्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय नेतृत्व प्रदेश में सरकार बनाने के लिए पूरा जोर लगाए हुए हैं वहीं विपक्षी दल कांग्रेस कोई मौका नहीं छोड़ रही है। एक तरफ जहां वचन पत्र में आकर्षक मुद्दे शामिल किए जा रहे हैं वहीं साफ्ट हिंदुत्व पर भी फोकस बनाए हुए हैं।

दरअसल, रविवार को जिस किसी ने भी प्रदेश कांग्रेस कार्यालय के भवन को देखा तो वह भौचक्का रह गया क्योंकि कांग्रेस भवन भगवा में नजर आ रहा था क्योंकि कार्यालय में धर्म संवाद कार्यक्रम का आयोजन हुआ था। जिसमें प्रदेश भर के मठ – मंदिरों के पुजारी और धर्माचार्य शामिल हुए। भाजपा ने जब पीसीसी के भगवाकरण पर तंज किया तो पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि भगवा क्या भाजपा का ट्रेडमार्क है या इन्होंने एजेंसी ली है। अंतर यह है कि हम सभी की धार्मिक भावनाएं हैं लेकिन हम इसे राजनीतिक मंच पर नहीं लाते। जब हम मंदिर जाते हैं तो बीजेपी के पेट में दर्द क्यों होता है। रामनवमी के जुलूस में देश के कई इलाकों में हुई हिंसा की घटनाओं पर नाथ ने कहा कि 2024 में चुनाव है इसलिए बीजेपी ही शुरुआत करा रही है कि किस तरह समाज में तनाव रहे। उन्होंने कहा कि मैं हिंदू हूं। विश्व में भारत की आध्यात्मिक शक्ति बढ़ी। नई पीढ़ी सामाजिक मूल्य से दूर हो रही है। इसे बचाए रखने की जिम्मेदारी आपकी है। हम धर्म के आधार पर राजनीति नहीं करना चाहते हम चाहते हैं कि राम मंदिर बने और राजनीति के लिए नहीं धर्म हमारी भावनाओं से जुड़ा राजनीति से नहीं भाजपा आपको परेशान करना चाहती है वह उन्हीं को पुजारी बनाते हैं जो उनके कार्यकर्ता हो।

साफ्ट  हिंदुत्व के साथ-साथ कांग्रेस वचन पत्र बनाने पर भी बहुत जोर दे रही है। ऐसी योजनाओं की घोषणा वचन पत्र में करेगी जोकि आम मतदाताओं को आकर्षित कर सकें इसके लिए लाडली बहना को 1500 रुपए गैस सिलेंडर 500 रु. में देने का वादा कर चुकी है और अब 300 रु. में 300 यूनिट बिजली मुफ्त में देने का निर्णय भी लिया गया है।

कमलनाथ के हिंदुत्व के प्रति झुकाव को देखते हुए पुजारियों और धर्म चारियों ने भी खुलकर अपनी मांगे रखी। जिसमें प्रमुख रुप से प्रदेश में 1974 के पहले की व्यवस्था बहाल की जाए 1974 के बाद मंदिरों में संबंध भूमि में कलेक्टर के नाम दर्ज किए गए हैं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पुजारियों को आश्वासन देते हुए कहा कि 6 महीने बाद प्रदेश में हमारी सरकार बनेगी और हम आपको छूट देंगे। ठेकेदार उद्योगपति को भाजपा जमीन देती है लेकिन पुजारियों को नहीं पुजारियों धर्माचार्य ने मठ मंदिरों के सरकारीकरण को लेकर विरोध दर्ज कराया। मंदिरों पर सरकारी अफसरों द्वारा लगाई जा रही बंधुओं को रोकने के लिए भी धर्म संवाद पर चर्चा हुई।

कुल मिलाकर प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस 2023 में सरकार बनाने के लिए हर दांव चल रहे हैं, हर कोशिश कर रहे हैं। कोई भी किसी भी प्रकार की कसर नहीं छोड़ना चाहता प्रत्याशी चयन भी इस बार ऐसा होगा जिसमें मतदाताओं को दुविधा बनेगी आखिर किस को वोट करें।

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