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शिवराज के बयान के खोजे जा रहे हैं मायने

भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) के एक बयान ने सियासी हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने एक बार फिर दोहराया है कि पार्टी उनसे दरी बिछाने का कहेगी तो मै दरी भी बिछाने के लिए तैयार हूं। इस बयान के सियासी मायने भी खोजे जा रहे हैं। बीते कुछ समय से राज्य में सत्ता और संगठन में बड़े बदलाव की चर्चा है। इसी बीच मुख्यमंत्री चौहान ने एक समाचार पत्र को दिए अपने साक्षात्कार में कहा है कि अगर पार्टी नेतृत्व कहेगा तो मैं दरी बिछाने के लिए भी तैयार हूं। इस बयान को सियासी तौर पर काफी अहम भी माना जा रहा है। मुख्यमंत्री के इस बयान ने एक तरफ जहां सियासी हलचल पैदा की है, वहीं कयासवाजी को भी हवा दे दी है। राज्य में इसी साल विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं और भाजपा (BJP) इन चुनावों को लेकर गंभीर है। इसकी वजह भी है क्योंकि वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) में पार्टी को हार का सामना करना पड़ा था। 

यह बात अलग है कि लगभग 15 माह बाद कांग्रेस (Congress) में पड़ी फूट के चलते भाजपा (BJP) फिर सत्ता में आ गई। अब पार्टी किसी भी तरह का जोखिम मोल लेने को तैयार नहीं है। राज्य में पार्टी लगातार जमीनी हकीकत का आकलन कर रही है और सर्वे रिपोर्ट (Survey Report) भी तैयार की जा रही है। इस रिपोर्ट में कई विधायकों और मंत्रियों के कामकाज से मतदाताओं की नाराजगी का ब्यौरा भी सामने आया है। पार्टी ऐसे नेताओं को अपनी छवि सुधारने के निर्देश भी दे चुकी है। वहीं संगठन और सत्ता में बदलाव की चर्चा जोरों पर है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि भाजपा (BJP) विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) को हर हाल में जीतना चाहती है और इसके लिए उसे जो भी कदम उठाना पड़े, उसे अमल में लाने से हिचक नहीं दिखाएगी। विधायकों के टिकट काटने से लेकर सत्ता और संगठन में बदलाव करने से भी पार्टी गुरेज नहीं करेगी, यह सभी मान कर चल रहे हैं। गुजरात चुनाव (Gujarat Election) में मिली जीत से पार्टी भी उत्साहित है और सख्त कदम उठाने में संकोच भी नहीं किया जाएगा। (आईएएनएस)

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