महाराष्ट्र विधानसभा में गुरुवार को तथाकथित हनीट्रैप प्रकरण को लेकर हंगामा मचा है। सरकार पर कार्रवाई न करने और मामले को गंभीरता से न लेने का आरोप लगाते हुए विपक्षी दलों ने विधानसभा से वॉकआउट कर दिया।
यह मुद्दा सबसे पहले कांग्रेस नेता नाना पटोले ने उठाया। उन्होंने इस गंभीर मामले की जांच और ठोस कार्रवाई की मांग की थी। पिछले दिन विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सरकार को निर्देश दिया था कि इस पर उचित कार्रवाई कर सदन को जवाब दिया जाए।
नाना पटोले ने गुरुवार को दोबारा मामले को उठाया। उनकी मांग का एनसीपी-एसपी नेता जयंत पाटिल और शिवसेना (उद्धव गुट) के विधायक भास्कर जाधव ने समर्थन दिया। इसके बाद अध्यक्ष राहुल नार्वेकर ने सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए कि शुक्रवार को अधिवेशन के समाप्त होने से पहले इस मुद्दे पर कार्रवाई कर सदन को जानकारी दी जाए। इस पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सहमति जताई और कार्रवाई का आश्वासन भी दिया।
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हालांकि, विपक्ष का कहना है कि सरकार इस संवेदनशील विषय को लेकर ढीलापन दिखा रही है और जनता के साथ न्याय नहीं कर रही है। इन आरोपों के बाद विपक्षी विधायकों ने सदन से वॉकआउट कर दिया।
दरअसल, कुछ दिन पहले महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में उच्च पदस्थ अधिकारियों और पूर्व मंत्रियों को कथित तौर पर हनीट्रैप में फंसाने का मामला आया था। यह खुलासा तब हुआ, जब कुछ अधिकारियों की तरफ से पुलिस में शिकायतें दी गईं। दावा है कि उच्च पदस्थ अधिकारियों को हनीट्रैप में फंसाकर उनसे रंगदारी वसूलने की कोशिश की गई थी।
इससे पहले, गुरुवार सुबह महाराष्ट्र विधान भवन की सीढ़ियों पर विपक्ष के सदस्यों ने अनोखा प्रदर्शन किया। किसानों, शिक्षा और रोजगार जैसे मुद्दों को लेकर विपक्षी नेता एक बैनर लेकर विधान भवन के गेट पर पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबारी की। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने हाथों में भोपला (कद्दू) लेकर सरकार के खिलाफ प्रतीकात्मक आंदोलन किया और इन मुद्दों की अनदेखी का आरोप लगाया। विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आम जनता की समस्याओं पर ध्यान न देकर सिर्फ दिखावटी काम किए जा रहे हैं।
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