मुंबई। महाराष्ट्र के विपक्षी गठबंधन महा विकास अघाड़ी यानी एमवीए ने महाराष्ट्र बंद की अपनी अपील वापस ले ली है। ठाणे जिले के बदलापुर में तीन और चार साल की दो बच्चियों के यौन शोषण के मामले पुलिस कार्रवाई में हुई लापरवाही के खिलाफ विपक्ष ने बंद की घोषणा की थी लेकिन शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने महाविकास अघाड़ी की तरफ से 24 अगस्त को बुलाए गए बंद पर रोक लगा दी। इसके बाद विपक्ष ने बंद की अपील वापस ले ली।
हाई कोर्ट में जस्टिस डीके उपाध्याय और जस्टिस अमित बोरकर की बेंच ने दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए फैसला सुनाया। अदालत ने कहा- 24 अगस्त के अलावा आगे भी किसी राजनीतिक दल या व्यक्ति को बंद बुलाने या करने की इजाजत नहीं है। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि अगर कोई ऐसा करने की कोशिश करता है तो उस पर कानूनी कार्रवाई की जाए। अदालत ने 2004 में बॉम्बे हाई कोर्ट के दिए गए फैसले का हवाला दिया।
हाई कोर्ट ने कहा- बंद पूरी तरह से गैरकानूनी है। किसी भी तरह का नुकसान होता है तो इसके लिए राजनीतिक दल जिम्मेदार होंगे। उन्हें नुकसान की भरपाई करनी होगी। कोर्ट के फैसले के बाद एनसीपी के संस्थापक शरद पवार ने कहा- कोर्ट के निर्देश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने का वक्त नहीं है। ऐसे में कोर्ट का आदर करते हुए मैं सभी लोगों से बंद वापस लेने की अपील करता हूं। पवार के अलावा उद्धव ठाकरे और कांग्रेस ने बंद का समर्थन किया था।