मुंबई/नई दिल्ली। महाराष्ट्र विधानसभा में तीन चौथाई बहुमत हासिल करने के बाद भाजपा और उसकी सहयोगी पार्टियां तीन दिन में सरकार नहीं बना पाईं। नतीजे आने के बाद तीन दिन की कवायद के बावजूद ना तो मुख्यमंत्री का नाम तय हो सका और ना ही सरकार गठन की प्रक्रिया आगे बढ़ी। इस गतिरोध के बीच शिव सेना के नेता और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मिल कर उन्होंने अपना इस्तीफा सौंपा। इस मौके पर दोनों उप मुख्यमंत्री, देवेंद्र फड़नवीस और अजित पवार भी मौजूद थे। राज्यपाल ने नई सरकार के गठन तक शिंदे को कार्यवाहक मुख्यमंत्री के तौर पर काम करने को कहा है।
बताया जा रहा है कि शिंदे मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने से नाराज हैं। हालांकि उनकी नाराजगी ही एकमात्र कारण नहीं है, जिसकी वजह से सरकार का गठन रूका है। भाजपा ने पहले ही तय कर लिया है कि उसका मुख्यमंत्री बनेगा, जिससे शिंदे नाराज हुए। सरकार गठन में देरी का दूसरा कारण यह है कि भाजपा विधायक दल का नेता नहीं चुन पा रही है। जानकार सूत्रों के मुताबिक देवेंद्र फड़नवीस का नाम तय हो गया है कि वे अगले मुख्यमंत्री होंगे लेकिन पता नहीं किस वजह से उनके नाम की घोषणा अटकी है। ध्यान रहे 2022 में जब शिव सेना टूटी और भाजपा गठबंधन की सरकार बनने की तैयारी हुई तब भी आखिरी समय तक फड़नवीस का नाम तय बताया जा रहा था लेकिन अचानक एकनाथ शिंदे के नाम की घोषणा हो गई थी।
बहरहाल, अब कहा जा रहा है कि भारतीय जनता पार्टी पर्यवेक्षक भेजेगी, जो विधायकों की राय लेंगे। उसके बाद विधायक दल के नेता के नाम की घोषणा होगी। बुधवार को पर्यवेक्षकों की मौजूदगी में रायशुमारी होने की संभावना है। गौरतलब है कि विधानसभा का कार्यकाल मंगलवार, 26 नवंबर तक ही था। विधानसभा का कार्यकाल खत्म हो गया। अब बिना विधानसभा के शिंदे कार्यवाहक मुख्यमंत्री रहेंगे क्योंकि अभी तक नए मुख्यमंत्री के शपथ की तारीख तय नहीं है।
बताया जा रहा है कि भाजपा की ओर से फड़नवीस का नाम तय है। वे मुख्यमंत्री बनेंगे और पहले की तरह दो उप मुख्यमंत्री होंगे। एनसीपी की ओर से अजित पवार और शिव सेना की ओर से शिंदे किसी नए विधायक का नाम आगे कर सकते हैं। इस बीच केंद्रीय मंत्री और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के अध्यक्ष रामदास अठावले ने कहा कि महाराष्ट्र का विवाद जल्द खत्म होगा। उन्होंने कहा- भाजपा हाईकमान ने तय कर लिया है कि देवेंद्र फड़नवीस को सीएम बनाया जाएगा। एकनाथ शिंदे इससे नाराज हैं। उनकी नाराजगी दूर की जानी चाहिए। शिंदे ने अपने ढाई साल के कार्यकाल में कई काम किए। लाड़ली बहना योजना का महाराष्ट्र में काफी असर हुआ है।
उधर शिंदे के इस्तीफे की खबर आने के बाद उनके समर्थक मुख्यमंत्री के सरकार बंगले पर इकट्ठा होने लगे। उन्हें रोकते हुए शिंदे ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा- मेरे प्रति प्यार के कारण कुछ लोगों ने सभी से एक साथ मिलकर मुंबई आने की अपील की है। मैं आपके प्यार के लिए दिल से आभारी हूं। लेकिन मैं अपील करता हूं कि कोई भी इस तरह से मेरे समर्थन में एक साथ न आए। एक बार फिर मेरा विनम्र अनुरोध है कि शिव सेना कार्यकर्ता वर्षा बंगले या कहीं और इकट्ठा न हों। उन्होंने कहा कि निर्णायक जीत के बाद भी गठबंधन एकजुट रहेगा।