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हमारा हिंदी भाषा या किसी समुदाय से कोई झगड़ा नहीं : आदित्य ठाकरे

Mumbai, Oct 22 (ANI): Shiv Sena (Uddhav Balasaheb Thackeray) leader Aditya Thackeray addresses a press conference ahead of the Maharashtra Assembly Elections, at Matoshree Bungalow in Mumbai on Tuesday. (ANI Photo)

मुंबई। महाराष्ट्र में मराठी बनाम हिंदी भाषा विवाद को लेकर सियासत गरमा गई है। इसे लेकर शिवसेना (यूबीटी) के नेता और विधायक आदित्य ठाकरे ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर हमला बोला है।  

आदित्य ठाकरे ने महाराष्ट्र में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की रणनीति पर कहा कि महाराष्ट्र में कई दल और समूह हमारे साथ जुड़ने को तैयार हैं। महा विकास अघाड़ी एक मजबूत गठबंधन बनकर उभर रही है। इंडिया गठबंधन के साथ-साथ महाराष्ट्र के स्थानीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श चल रहा है। चाहे उद्योगपतियों की भूमिका हो या महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) जैसे दलों के रुख की, इन सभी पर चर्चा हो रही है। ठाकरे ब्रदर्स के एक साथ आने से जनता में जोश और उत्साह है।उन्होंने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के भाषा संबंधी बयान पर कहा कि वह न तो महाराष्ट्र के प्रतिनिधि हैं, न ही हिंदी भाषा के। वह सिर्फ भाजपा की विचारधारा के प्रवक्ता हैं, जिसमें नफरत, विभाजन और नकारात्मकता भरी हुई है। 

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महाराष्ट्र विविधताओं का प्रदेश है, यहां उत्तर से लेकर दक्षिण भारत के लोग रहते हैं और सब मिलकर काम करते हैं। हमारा हिंदी भाषा या किसी समुदाय से कोई झगड़ा नहीं है, हमारा विरोध सिर्फ उस सत्ता से है, जो मराठी अस्मिता को ठेस पहुंचाती है।

आदित्य ठाकरे ने कहा कि निशिकांत दुबे को बिहार चुनाव की जिम्मेदारी दी गई है और उन्हें तेजस्वी यादव की संभावित जीत का डर सता रहा है। यही वजह है कि वे महाराष्ट्र में भाषा विवाद खड़ा कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि कोविड के दौरान उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे और उन्होंने सबका साथ दिया। आज वही लोग मराठी भाषा पर सवाल उठा रहे हैं। जब भाजपा हार की ओर बढ़ती है, तब यह पार्टी समाज को भाषा, जाति और धर्म के नाम पर बांटने लगती है। महाराष्ट्र में आनंद दुबे जैसे लोग मराठी की सेवा कर रहे हैं और सभी को उनसे सीख लेनी चाहिए। मैं अपने सभी कार्यकर्ताओं से कहूंगा कि ऐसे बयानों का जवाब भावनाओं से नहीं, बल्कि राजनीतिक तरीके से दें। सामाजिक मुद्दों को राजनीतिक बहाना बनाना ठीक नहीं है।

Pic Credit : ANI

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