नई दिल्ली। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट को असल शिव सेना घोषित करने के विधानसभा स्पीकर के आदेश को चुनौती देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रिकॉर्ड तलब किया है।
शिव सेना के उद्धव ठाकरे गुट की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए सर्वोच्च अदालत ने स्पीकर के फैसले पर सवाल भी उठाए और स्पीकर के कार्यालय से उद्धव ठाकरे समूह की अयोग्यता याचिका से जुड़े सभी मूल रिकॉर्ड पेश करने को कहा है।
इसके साथ ही सर्वोच्च अदालत ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट से एक अप्रैल या उससे पहले उद्धव ठाकरे गुट की याचिका पर जवाब देने को कहा है। इस मामले पर अगली सुनवाई अप्रैल के दूसरे हफ्ते में होगी।
दूसरी ओर एकनाथ शिंदे गुट की ओर से आरोप लगाया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे गुट ने जाली दस्तावेज पेश किए हैं। शिंदे गुट ने कहा है कि उद्धव ठाकरे गुट की ओर से पेश दस्तावेजों में ऐसे लोगों के भी दस्तखत हैं, जो बैठक में नहीं शामिल हुए थे।
बहरहाल, शिव सेना से जुड़े इस मामले में उद्धव ठाकरे गुट की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि समय इस मुद्दे का सार है। उन्होंने कहा कि अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव होंगे। स्पीकर विधायी बहुमत पर गए, जबकि सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पता चला कि दलबदल के बाद विधायी बहुमत को गिना नहीं जा सकता। गौरतलब है कि स्पीकर ने शिंदे गुट को असली शिव सेना इस आधार पर माना था कि उनके साथ ज्यादा विधायक और सांसद है।
गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में उद्धव गुट के नेता सुनील प्रभु की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एकनाथ शिंदे समेत 39 अन्य विधायकों को नोटिस जारी किया था। महाराष्ट्र विधानसभा स्पीकर के फैसले के खिलाफ उद्धव ठाकरे गुट का कहना है कि विधानमंडल में बहुमत के आधार पर शिंदे ग्रुप को ही असल शिवसेना करार देना स्पीकर का फैसला गलत है। ये सुप्रीम कोर्ट के फैसले में दी गई उस व्यवस्था के खिलाफ है, जिसमे अदालत ने कहा था कि महज विधानमंडल के संख्या बल के आधार पर स्पीकर को इस नतीजे पर नहीं पहुंचना चाहिए।