मुंबई | Forced sex of husband Court : कई बार देखा गया है कि एक राज्य के कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले का दूसरे राज्य समर्थन नहीं करता. जबकि एक हाईकोर्ट के फैसलों दूसरे राज्यों को भी मानना होता है. ऐसा ही एक मामले पर मुंबई के सेंशन कोर्ट के जज ने अजीबोगरीब फैसला दे दिया. बता दें कि कुछ दिनों पहले केरल में एक मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि मैरिटल रेप हर तरह से गलत है और इसे तलाक का आधार बनाया जा सकता है. लेकिन मुंबई सेंशन कोर्ट ने इसके विपरीत फैसला सुनाते हुए कहा कि पत्नी की इच्छा के विरुद्ध सेक्स किसी भी मायने में गैरकानूनी नहीं है.
इन दो फैसलों पर अब देश की न्याय व्यवस्था बटती हुई दिखाई दे रही है. सोशल मीडिया में भी कोर्ट के आदेश पर सवाल उठाए जा रहे हैं कि आखिर किस फैसले को सही माना जाए. मुंबई के अडिशनल सेशन जज एसजे घरात ने एक मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि जबरन सेक्स करने का आरोपी महिला का पति है इसीलिए यह नहीं कहा जा सकता कि उसने कोई गैर कानूनी काम किया है.
क्या है मामला
Forced sex of husband Court : मुंबई में रहने वाली एक महिला ने आरोप लगाया था कि उसका पति उसके साथ जबरन सेक्स करता है. महिला का आरोप था कि उसकी इच्छा के विरुद्ध कई बार आ व्यावहारिक रूप से सेक्स किया गया है. जिस कारण अब उसके कमर के नीचे वाले पार्ट में लकवा मार गया है. महिला ने अपने पति पर दहेज उत्पीड़न और ससुराल वालों पर मारपीट का भी आरोप लगाया था. इसी मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह अजीबोगरीब फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि यह दुखद है की महिला को लकवा मार गया है लेकिन इसके लिए पुख्ता तौर पर पति को जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता.
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हिरासत में लेकर पूछताछ भी जरूरी नहीं
Forced sex of husband Court : मुंबई सेंशन कोर्ट के जज ने कहा कि जब यह पुख्ता तौर पर नहीं कहा जा सकता है कि इच्छा के विरुद्ध सेक्स करने से लकवा मारा गया है तो फिर हिरासत में लेने की जरूरत नहीं है. जज ने कहा कि महिला की ओर से अब तक यह भी स्पष्ट नहीं किया गया है कि दहेज में कितने पैसे मांगे गए थे. इसके साथ ही महिला और उसके परिवार द्वारा अब तक इस संबंध में कोई सबूत पेश नहीं किए गए हैं. इसलिए महिला के पति को हिरासत में लेकर पूछताछ करने का कोई औचित्य नहीं है.