नई दिल्ली। अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी माउंट किलिमंजारो पर कटे पैर के बावजूद चढ़ने वाले पर्वतारोही उदय कुमार ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राष्ट्रपति भवन में उन्हें तेनजिंग नोर्गे राष्ट्रीय साहसिक पुरस्कार (Tenzing Norgay Award) दिए जाने पर वे अचंभित हैं।
ट्रेन दुर्घटना में अपना एक पैर गंवाने वाले उदय ग्रुप कैप्टन जय किशन के नेतृत्व में केतुक मिशन का हिस्सा थे और उन्होंने किलिमंजारो की 19341 फुट की ऊंचाई पर पहुंचकर वहां भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया।
उदय ने ‘आईएएनएस’ से कहा मैं यहां आकर आश्चर्यचकित महसूस कर रहा हूं। दुर्घटना के बाद मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था कि जो हुआ वह अच्छा था, जो हो रहा है वह अच्छा है और जो होगा वह और भी बेहतर होगा। आज मैं बिल्कुल यही महसूस कर रहा हूं। दुर्घटना में भले ही मेरा पैर कट गया हो, लेकिन कोई समस्या नहीं है। भगवान ने मुझे जो हिम्मत दी है..।
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उदय ने कहा मुझे नहीं पता कि नारायण (भगवान) किस रूप में आएंगे, लेकिन मेरे नारायण (ग्रुप कैप्टन जय किशन) मेरे साथ हैं। उन्होंने हर पल मुझे प्रेरित किया है और वह सब कुछ दिया है जिसकी वजह से मैं एक बेहतरीन पर्वतारोही बनने की कगार पर पहुंच पाया हूं।
माउंट किलिमंजारो अफ्रीका का सबसे ऊंचा पर्वत है और दुनिया का सबसे ऊंचा एकल स्वतंत्र पर्वत है। 2022 में अपनी पर्वतारोहण यात्रा शुरू करने वाले उदय ने कहा 19,341 फीट की ऊंचाई पर हमने किलिमंजारो पर 7,800 वर्ग फीट का तिरंगा फहराया। हमने सेना, नौसेना और वायु सेना के झंडों का प्रतिनिधित्व किया।
अपने अगले लक्ष्य को साझा करते हुए उदय ने कहा कि वह निकट भविष्य में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ना चाहते हैं। 30 मई, 1988 को जन्मे उदय बिहार के छपरा के रहने वाले हैं। उन्होंने पश्चिम सिक्किम के कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान में माउंट रेनॉक (16,500 फीट) पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके असाधारण साहस और दृढ़ संकल्प का भी प्रदर्शन किया था और 780 वर्ग फीट का भारतीय ध्वज फहराया था।