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एक-दूसरे की जीवन साथी बनेंगी नागपुर की दो महिला डाॅक्टर्स, कहा- माता-पिता ने समझा हमारा सेक्सुअल ओरिएंटेशन

ByNI Desk,
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एक-दूसरे की जीवन साथी बनेंगी नागपुर की दो महिला डाॅक्टर्स, कहा- माता-पिता ने समझा हमारा सेक्सुअल ओरिएंटेशन
नागपुर | Women Doctors Marry: बदलती दुनिया और परिवेश में सबकुछ तेजी से बदलता जा रहा है। बाहरी देशों की तरह ही अब भारत में समलैंगिक विवाह आम बात होती जा रही है। अब महाराष्ट्र के नागपुर जिले में दो महिलाएं आपस में शादी करने जा रही हैं। ये दोनों ही महिलाएं डॉक्टर है और इन्होंने अच्छी तरह सोचसमझ कर एक-दूसरे को अपनाने का फैसला लिया है। अब इनकी शहनाई जल्द ही बजने वाली है। पिछले हफ्ते ही एक ‘कमिटमेंट रिंग सेरेमनी’ में इन दोनों महिला डॉक्टरों ने एक कपल के रूप में एक साथ जीवन बिताने का संकल्प लिया है। Women Doctors Marry: बहुत से मेडिकल एक्सपर्ट्स का कहना है कि लोग अपनी सेक्सुअल ओरिएंटेशन का चुनाव खुद नहीं करते। वो उनके व्यक्तित्व का एक प्राकृतिक हिस्सा है। एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझने वाली एक महिला डाॅक्टर पारोमिता मुखर्जी ने अपने रिश्तें और शादी के संबंध में जानकारी देते हुए बताया है कि, हम इस रिश्ते को ‘लाइफटाइम कमिटमेंट’ कहते हैं और हम गोवा में अपनी शादी की प्लांनिंग कर रहे हैं। ये भी पढ़ें:- IPL 2022 :BCCI कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए IPL मेगा नीलामी को कर सकता है स्थानांतरित, जानें कब होगा टीम का सलेक्शन पिता को पता था मेरे सेक्सुअल ओरिएंटेशन के बारें में पारोमिता मुखर्जी ने कहा कि, मेरे पिता को 2013 से ही मेरे सेक्सुअल ओरिएंटेशन (Sexual Orientation) के बारे में पता चल गया था, लेकिन मेरी मां इससे अंजान थी। हालांकि, जब मैंने हाल ही में अपनी मां को इस बारे में बताया तो मां चैंक गईं, लेकिन उन्होंने मेरी खुशी के लिए इसे स्वीकार कर लिया। ये भी पढ़ें:- WHO का अलर्ट! ओमिक्राॅन को आम सर्दी-खांसी न समझे, ये बन सकता है मौत का कारण, हो जाएं सावधान दोहरी जिंदगी जीने को मजबूर हैं कई लोग पारोमिता मुखर्जी के साथ रिश्तों में आने वाली दूसरी महिला डाॅक्टर सुरभि मित्रा भी इस रिश्ते से काफी खुश हैं। उन्होंने कहा कि, मेरे परिवार ने मेरे सेक्सुअल ओरिएंटेशन को जानते हुए भी इसका कभी कोई विरोध नहीं किया। उन्होंने कहा कि, मैं एक मनोचिकित्सक हूं और कई लोगों ने मुझसे दोहरी जिंदगी जीने की बात कही है, क्योंकि वे अपने लिए स्टैंड नहीं ले सकते। ऐसे में जब मैंने अपने माता-पिता को इस बारे में बताया तो उन्होंने ने मेरी खुशी को पहचाना है। ये भी पढ़ें:- भारत में कोरोना से 24 घंटे में 534 लोगों की मौत, 58 हजार के पार नए संक्रमित, अब भारी पड़ रही लापरवाही
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