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मणिपुर में एकीकृत कमान की मांग

मणिपुर में एकीकृत कमान की मांग

इम्फाल। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने राज्य में पिछले एक हफ्ते से चल रही हिंसा के बीच एकीकृत कमान की मांग की है। वे चाहते हैं कि सभी सुरक्षा बलों की कमान राज्य सरकार को मिले। इस बीच रविवार को पूरे दिन उनके इस्तीफे की पेशकश की भी अटकलें लगती रहीं। गौरतलब है कि मणिपुर में पिछले आठ दिन में आठ लोगों की मौत हो चुकी है। करीब 15 महीने से जातीय हिंसा से ग्रस्त मणिपुर में इस महीने ड्रोन और रॉकेट से हमले हुए हैं।

बहरहाल, एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की चर्चा इसलिए शुरू हुई क्योंकि उन्होंने 16 घंटे में दो बार राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य से मुलाकात की। वे रविवार, आठ सितंबर को दोपहर करीब 12 बजे राज्यपाल से मिलने पहुंचे। इसके पहले शनिवार, सात सितंबर को रात आठ बजे भी उन्होंने राज्यपाल से मुलाकात की थी। यह मीटिंग करीब 30 मिनट तक चली थी। इससे पहले बीरेन सिंह मुख्यमंत्री आपास में सभी विधायकों से भी मिले थे।

जानकार सूत्रों के मुताबिक बीरेन सिंह इस्तीफा दे सकते हैं। उन्होंने पिछले साल 20 जून को भी इस्तीफा देने की पेशकश की थी। हालांकि, बाद में फैसला बदल दिया था। दूसरी ओर, इस्तीफे की चर्चा के बीच बीरेन सिंह ने राज्यपाल से एकीकृत कमान की मांग है। इसमें सभी सुरक्षा एजेंसियों की कमान राज्य सरकार के पास आ जाएगी। फिलहाल यह केंद्र सरकार के कंट्रोल में है।

गौरतलब है कि मणिपुर में मई 2023 से कुकी और मैती समुदाय के बीच हिंसा जारी है। पिछले आठ दिन से हिंसा बढ़ गई है। इसमें आठ लोगों की मौत हुई है। 15 से ज्यादा घायल हैं। मुख्यमंत्री के इस्तीफे की चर्चा इसलिए भी शुरू हुई क्योंकि बीमारी के कारण छुट्टी पर गए मुख्य सचिव को तत्काल वापस बुलाया गया है। इसके अलावा कुकी उग्रवादियों के एक संगठन ने राज्य में सार्वजनिक आपातकाल घोषित किया।

बहरहाल, राज्य में बढ़ती हिंसा के बीच मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने राज्यपाल लक्ष्मण आचार्य आठ मांग की है। इसमें संविधान के अनुसार राज्य सरकार को अधिकार और जिम्मेदारियां देने की बात कही गई है। साथ ही मुख्यमंत्री ने कुकी उग्रवादियों के साथ सस्पेंशन ऑफ ऑपरेशंस समझौते को रद्द करने की मांग की है, ताकि सुरक्षा बल पूरी ताकत से कुकी उग्रवादियों पर कार्रवाई कर सकें। उन्होंने नागरिक पंजीयन रजिस्टर यानी एनआरसी शुरू करने और सभी अवैध प्रवासियों को बाहर निकालने की भी बात कही है।

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