इम्फाल। कांग्रेस नेता राहुल गांधी सोमवार को मणिपुर के दौरे पर पहुंचे। पिछले साल मई में मणिपुर में शुरू हुए जातीय दंगों के बाद राहुल की इस प्रदेश की यह तीसरी यात्रा थी। उन्होंने अलग अलग शिविरों में जाकर दंगा पीड़ितों से मुलाकात की। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने असम के बाढ़ पीड़ितों से भी मुलाकात की। बाद में शाम को वे राजधानी इम्फाल में राज्यपाल अनुसूइया उइके से भी मिले और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा। राहुल ने करीब आधे घंटे तक राज्यपाल से राज्य की स्थिति पर चर्चा की।
राज्यपाल से मिलने के बाद राहुल पार्टी के कार्यालय पहुंचे और वहां प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मणिपुर के हालात पर चिंता जताई। उन्होंने कहा- मणिपुर में मेरा तीसरा दौरा है। मुझे लगा था कि यहां के हालात में सुधार हुआ होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है। ग्राउंड लेवल पर कोई इम्प्रूवमेंट नहीं है। राहुल ने कहा- मणिपुर को लेकर केंद्र सरकार बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं है। मुझे नहीं लगता कि यहां के हालात सुधरेंगे।
कांग्रेस सांसद ने कहा- मैं रिलीफ कैंप में गया और हिंसा पीड़ित लोगों की बातें सुनीं। लोगों से मुलाकात कर उन्हें भरोसा दिया है। मैं सिर्फ यह कहना चाहता हूं कि नफरत से कोई रास्ता नहीं निकलेगा। मैं राजनीतिक बात करने नहीं आया हूं। मैंने गवर्नर से बात की। उनसे कहा कि कांग्रेस जो भी कर सकती है करेगी। राहुल गांधी ने आगे कहा- मैं पीएम से रिक्वेस्ट करता हूं कि एक दो दिन का समय निकालकर मणिपुर आएं। यहां जो हो रहा है उसे समझने की कोशिश करना चाहिए। पूरा देश और मणिपुर के लोग भी चाहते हैं कि वे यहां आए और लोगों की परेशानी को समझें।
इससे पहले राहुल गांधी सोमवार की सुबह करीब 10 बजे असम के सिलचर पहुंचे थे। उन्होंने वहां एक राहत शिविर का दौरा किया। इसके बाद वे दोपहर 12 बजे जिरिबाम पहुंचे। वहां भी उन्होंने एक राहत शिविर में मौजूद लोगों से मुलाकात की थी। दोपहर तीन बजे के करीब राहुल ने जातीय दंगों से सबसे ज्यादा प्रभावित चुराचांदपुर में मंडप तुईबोंग राहत शिविर में हिंसा के पीड़ितों के मुलाकात की थी। शाम पांच बजे वे राजभवन पहुंचे और राज्यपाल अनुसूइया उइके से मुलाकात की।