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लूटे गए हथियार नहीं लौटाएं तो कार्रवाई

इंफाल। मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने हिंसाग्रस्त राज्य के लोगों से लूटे गए और अवैध रूप से हासिल किए गए हथियारों को सात दिनों के भीतर स्वेच्छा से लौटाने का आग्रह किया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि इस अवधि में हथियार लौटाने वाले लोगों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। भल्ला ने स्पष्ट किया कि सात दिन की अवधि समाप्त होने के बाद ऐसे हथियार रखने वाले लोगों के खिलाफ “कड़ी कार्रवाई” की जाएगी।

उन्होंने कहा, “मणिपुर में घाटी और पहाड़ी दोनों क्षेत्रों के लोगों को शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को प्रभावित करने वाली दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं के कारण पिछले 20 महीनों से भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।” राज्यपाल ने कहा कि राज्य के सभी समुदायों को शत्रुता समाप्त करने और समाज में शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के लिए आगे आना चाहिए, ताकि लोग अपनी सामान्य दिनचर्या पर लौट सकें।

उन्होंने कहा, “इस बाबत मैं सभी समुदायों के लोगों, खासकर घाटी और पहाड़ी क्षेत्र के युवाओं से ईमानदारी से अनुरोध करता हूं कि वे स्वेच्छा से आगे आएं और लूटे गए एवं अवैध रूप से हासिल किए गए हथियार व गोला-बारूद को आज से अगले सात दिनों के भीतर निकटतम पुलिस थाने/चौकी/सुरक्षा बलों के शिविर में सौंप दें।”भल्ला ने कहा कि हथियार लौटाने का यह एक कदम शांति सुनिश्चित करने की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित हो सकता है।

उन्होंने कहा, “मैं आपको आश्वस्त करना चाहता हूं कि अगर ऐसे हथियार निर्धारित समय-सीमा में वापस कर दिए जाते हैं, तो कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। समय-सीमा की समाप्ति के बाद ऐसे हथियार रखने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।” मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद मणिपुर में पैदा हुई राजनीतिक अनिश्चितता की स्थिति के बीच केंद्र ने इस पूर्वोत्तर राज्य में 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लगा दिया था।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक, मणिपुर विधानसभा, जिसका कार्यकाल 2027 तक है, को निलंबित कर दिया गया है।

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