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भारत-नेपाल सीमा पर गिरफ्तार नेपाल जेलों से भागे कैदियों की संख्या 67 पहुंची

भारत-नेपाल सीमा पर नेपाल की जेलों से भागे हुए कैदियों की गिरफ्तारी की संख्या 67 हो गई है। 

सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने पिछले 24 घंटों में 32 और भगोड़े नेपाली कैदियों को पकड़ा है। इन गिरफ्तार कैदियों में एक महिला भी शामिल है। नेपाल में चल रही अशांति के बीच जेल ब्रेक की घटनाओं से हाई अलर्ट जारी होने के बाद सीमा पर सभी एजेंसियां सतर्क हैं।

पुलिस और एसएसबी के अधिकारियों के अनुसार, नेपाल में जेन-जी के विरोध प्रदर्शन के दौरान भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गए। इससे देश भर में 24 से अधिक जेलों से 15,000 से ज्यादा कैदी भाग निकले। इनमें से कई भारत की ओर भागने की कोशिश कर रहे हैं। 

एसएसबी ने बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम में तैनात 50 बटालियन के जरिए सीमा पर निगरानी बढ़ा दी है। गिरफ्तार कैदियों को स्थानीय पुलिस के हवाले कर दिया गया है और उन पर विदेशी अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है।

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घटनाओं की जानकारी देते हुए एसएसबी ने बताया कि नेपाल के महोत्तरी जिले के जेलेश्वर में मंगलवार रात को जेल ब्रेक हुआ, जिसमें सैकड़ों कैदी भागे। इसके अलावा, काठमांडू की दिल्ली बाजार जेल, रामे छाप जिले की जेल और अन्य जगहों से भी कैदी फरार हुए। रामे छाप जेल में कैदियों और सुरक्षाकर्मियों के बीच झड़प में गुरुवार को तीन कैदियों की मौत हो गई और कुल आठ कैदियों की जान जा चुकी है।

नेपाल आर्मी ने जेलों की सुरक्षा संभाली है, लेकिन अराजकता बनी हुई है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को इस्तीफा देना पड़ा और कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है।

बता दें कि चार सितंबर को नेपाल सरकार ने सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा दिया था। इसके विरोध में जेनजी सड़क पर आकर विरोध प्रदर्शन करने लगे। इसके अलावा, कहा जा रहा है कि जेनजी ने नेपाल सरकार के भ्रष्टाचार के विरोध में भी प्रदर्शन किया। नेपाल में यह विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसमें कई युवाओं की मौत हो गई। वहीं, कई घायल हो गए, जिनका अस्पताल में उपचार चल रहा है।

Pic Credit : ANI

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