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आंध्र और ओडिशा में सत्ता बदली

भुवनेश्वर। ओडिशा में 24 साल पुराने नवीन पटनायक राज की समाप्ति हो गई है। राज्य में पहली बार भाजपा की सरकार बनेगी। उधर आंध्र प्रदेश में भी जगन मोहन रेड्डी की वाईएसआर कांग्रेस पार्टी हार कर सत्ता से बाहर हो गई है। पांच साल पहले जगन मोहन रेड्डी राज्य की 175 सदस्यों की विधानसभा में 152 सीट जीत कर सत्ता में आए थे। लेकिन पांच साल के बाद ही उनकी पार्टी बुरी तरह हार गई है। उनकी पार्टी को सिर्फ 12 सीटें मिली हैं। चंद्रबाबू नायडू की अध्यक्षता वाले एनडीए ने जबरदस्त जीत हासिल की है।

ओडिशा की 147 सदस्यों की विधानसभा में 78 सीट जीत कर भाजपा ने पूर्ण बहुमत हासिल कर लिया है। लगातार 24 साल मुख्यमंत्री रहे नवीन पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल को 51 सीटें मिली हैं। कांग्रेस पार्टी 14 सीट जीत कर तीसरे स्थान पर रही। एक सीट सीपीएम को मिली है, जबकि तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं। माना जा रहा है कि नवीन पटनायक के करीबी सहयोगी तमिलनाडु के रहने वाले पूर्व आईएएस अधिकारी वीके पांडियन की सक्रियता से भाजपा को ओडिया अस्मिता का मुद्दा बनाने का मौका मिला और इस वजह से भाजपा को जीत मिली है।

उधर आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी, जन सेना पार्टी और भाजपा के गठबंधन को जबरदस्त सफलता मिली है। चंद्रबाबू नायडू की पार्टी टीडीपी ने 175 में से 134 सीटें जीती हैं। फिल्म अभिनेता और तेलुगू फिल्मों के सुपर सितारे पवन कल्याण की जन सेना पार्टी को 21 सीटें मिली हैं। भारतीय जनता पार्टी ने आठ सीटें जीती हैं। आंध्र प्रदेश में भाजपा को लोकसभा की तीन सीटें भी मिली हैं। चंद्रबाबू नायडू की पार्टी लोकसभा की 16 सीटों पर जीती है और केंद्र में सरकार बनाने में उनकी अहम भूमिका रहने वाली है।

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