Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

राष्ट्रपति मुर्मू ने शिक्षकों को किया सम्मानित

New Delhi, Aug 14 (ANI): President Draupadi Murmu address to the nation on the eve of 79th Independence Day 2025, in New Delhi on Thursday. (Office of President/ANI Photo)

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को ‘शिक्षक दिवस’ के अवसर पर नई दिल्ली में आयोजित एक समारोह में देश भर के शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किए। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों की भूमिका को देश के भविष्य के निर्माण में महत्वपूर्ण बताया और भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाने का आह्वान किया।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संबोधन में कहा, “भोजन, वस्त्र और आवास की तरह शिक्षा भी व्यक्ति के सम्मान और सुरक्षा के लिए आवश्यक है। संवेदनशील शिक्षक बच्चों में सम्मान और सुरक्षा की भावना विकसित करने का काम करते हैं।

उन्होंने अपने शिक्षक के रूप में बिताए समय को याद करते हुए कहा वह मेरे जीवन का सबसे सार्थक दौर था।

उन्होंने कहा कि शिक्षा व्यक्ति को सक्षम बनाती है। सबसे गरीब पृष्ठभूमि के बच्चे भी शिक्षा की शक्ति से प्रगति की ऊंचाइयों को छू सकते हैं। स्नेहपूर्ण और समर्पित शिक्षक बच्चों की उड़ान को ताकत देने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शिक्षकों के लिए सबसे बड़ा पुरस्कार यह है कि उनके छात्र जीवन भर उन्हें याद रखते हैं और परिवार, समाज व देश के लिए उल्लेखनीय योगदान देते हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 का उल्लेख करते हुए कहा कि यह नीति कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों के विस्तार और वंचित वर्ग की लड़कियों के लिए विशेष शैक्षिक सुविधाओं पर जोर देती है। हालांकि, शिक्षा से संबंधित किसी भी पहल की सफलता मुख्य रूप से शिक्षकों पर निर्भर करती है।

Also Read : गडकरी को कोई श्रेय नहीं दे रहा

उन्होंने शिक्षकों से आग्रह किया कि वे विशेष रूप से उन छात्रों, खासकर लड़कियों, पर ध्यान दें जो शर्मीली हैं या कम विशेषाधिकार प्राप्त पृष्ठभूमि से आती हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 का उद्देश्य भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है। इसके लिए हमारे शिक्षकों को विश्व के सर्वश्रेष्ठ शिक्षकों के रूप में मान्यता मिलनी चाहिए। स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा और कौशल शिक्षा, इन तीनों क्षेत्रों में हमारे संस्थानों और शिक्षकों को सक्रिय योगदान देना होगा। शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगा।

उन्होंने कहा छात्रों के चरित्र निर्माण में शिक्षक की प्राथमिक जिम्मेदारी है। संवेदनशील, जिम्मेदार और नैतिक आचरण वाले छात्र उन छात्रों से बेहतर हैं जो केवल प्रतिस्पर्धा, किताबी ज्ञान और स्वार्थ में रुचि रखते हैं। एक अच्छे शिक्षक में भावनाओं और बुद्धि दोनों का समन्वय होता है, जो छात्रों पर गहरा प्रभाव डालता है।

डिजिटल शिक्षा का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा स्मार्ट ब्लैकबोर्ड और स्मार्ट क्लासरूम अपनी जगह महत्वपूर्ण हैं, लेकिन सबसे जरूरी स्मार्ट शिक्षक हैं। स्मार्ट शिक्षक वे हैं जो अपने छात्रों के विकास की जरूरतों को समझते हैं और स्नेह व संवेदनशीलता के साथ पढ़ाई को रोचक तथा प्रभावी बनाते हैं। ऐसे शिक्षक छात्रों को समाज और राष्ट्र की जरूरतों को पूरा करने में सक्षम बनाते हैं।

राष्ट्रपति मुर्मू ने लड़कियों की शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपील की। उन्होंने कहा, “हम लड़कियों की शिक्षा में निवेश करके अपने परिवार, समाज और राष्ट्र के निर्माण में एक अमूल्य योगदान देते हैं। यह महिला-नेतृत्व वाले विकास को बढ़ावा देने का सबसे प्रभावी तरीका है।

Pic Credit : ANI

Exit mobile version