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प्राकृतिक खेती और शिक्षा को बढ़ावा: सीतारमण

प्राकृतिक खेती

कृषि क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान

नई दिल्ली | वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मंगलवार को बजट 2024-25 पेश करते हुए कहा कि देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ाया जाएगा और दो साल में एक करोड़ किसानों को इसमें शामिल कर उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके साथ ही खेती को बढावा देने के लिए 10 हजार बायो इनपुट सेंटर बनाए जाएंगे।

सीतारमण नेे कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ‘शाईनिंग’ है और इसे निरंतर बनाए रखने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किये गये हैं इसलिए कृषि तथा इससे संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।

शिक्षा और रोजगार के लिए बजट में विशेष प्रावधान

उन्होंने कहा कि गरीब, महिला और अन्नदाता को बजट में विशेष अहमियत दी गई है, महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बेरोजगारी तथा स्किलिंग पर विशेष जोर दिया गया है। शिक्षा के लिए 1.84 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है ताकि शिक्षा के विकास तथा रोजगार के अवसरों को तेजी से बढाया जा सके।

वित्त मंत्री ने कहा, खरीफ फसलों के लिए देश के 400 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाएगा जिसमें छह करोड़ किसानों की खेती और उनकी जानकारी ‘किसान और खेती रजिस्ट्रेशन’ में शामिल की जाएगी।

प्राकृतिक खेती और बायो इनपुट सेंटर का विस्तार

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती पर जोर दिया गया है और इसके लिए गांव में बायो रिसोर्स सेंटर के माध्यम से मदद उपलब्ध कराई जाएगी ताकि बड़े स्तर पर उत्पादकता का काम होने के साथ ही आपूर्ति चेन को मजबूत किया जाएगा। सरकार राज्यों के साथ मिलकर कृषि तथा अन्य क्षेत्रों में डिजिटल प्रक्रिया को अभियान के रूप में लिया जाएगा। सिल्क को बढाने तथा इसके निर्यात को बढावा दिया जाएगा।

वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए उत्पादकता, रिसर्च और विकास की सतत प्रक्रिया के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराने तथा कृषि रोजगार को बढाने को महत्व दिया जाएगा। बड़े स्तर पर बेराजगारी को खत्म करने के लिए रोजगार के अवसर जुटाए जाएंगे।

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