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चंडीगढ़ में मेयर का चुनाव टला

सुप्रीम कोर्ट का फैसला

चंडीगढ़। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के साथ मिल कर चंडीगढ़ के मेयर का चुनाव लड़ने का फैसला होने के बाद चुनाव ही टाल दिया गया है। गुरुवार को 11 बजे से मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होना था। लेकिन चुनाव होने से आधे घंटा पहले ही एक आदेश जारी कर कहा गया कि पीठासीन अधिकारी अनिल मसीह की तबीयत खराब हो गई है। इस वजह से चुनाव नहीं होगा। बाद में जिला कलेक्टर की ओर से आदेश जारी किया गया कि छह फरवरी को चुनाव होगा।

दूसरी ओर आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने इसे लेकर भाजपा पर तीखा हमला किया है। आप के राज्यसभा सांसद राधव चड्ढा ने भाजपा पर हमला करते हुए कहा है कि अपनी पक्की हार देख कर भाजपा चुनाव से भाग गई है। गौरतलब है कि चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा के 14, आप के 13 और कांग्रेस के सात सदस्य हैं। चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर पदेन सदस्य हैं। पहले दो बार कांग्रेस ने चुनाव में हिस्सा नहीं लिया तो भाजपा जीत गई। इस बार आप और कांग्रेस के साथ आने से भाजपा के 15 के मुकाबले उनके पास 20 वोट हो गए। इससे तीनों पदों पर उनकी जीत पक्की हो गई थी।

बहरहाल, पहले से तय कार्यक्रम के मुताबिक 18 जनवरी को सुबह 11 बजे मेयर चुनाव के लिए मतदान की प्रक्रिया शुरू होनी थी। गठबंधन के प्रत्याशी कुलदीप कुमार टीटा और भाजपा प्रत्याशी मनोज सोनकर के बीच मेयर पद पर मुकाबला था। चुनाव में हिस्सा लेने के लिए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के सभी पार्षद रोपड़ से सुबह करीब साढ़े 10 बजे नगर निगम कार्यालय पहुंचे। उन्हें वहां पहुंचकर पता चला कि मेयर चुनाव टाल दिया गया है। सिर्फ चुनाव नहीं टाला गया था, बल्कि नगर निगम कार्यालय के बाहर भारी संख्या में पुलिस तैनात की गई थी और आप व कांग्रेस के पार्षदों को निगम कार्यालय में अंदर नहीं जाने दिया गया।

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