चंडीगढ़। मेयर के चुनाव के समय चंडीगढ़ नगर निगम में हुआ विवाद मंगलवार को फिर से उभर आया। मेयर के चुनाव में गड़बड़ी करने के आरोपी मनोनीत पार्षद अनिल मसीह के नाम पर विवाद शुरू हुआ, जिसमें मारपीट की नौबत आ गई। कांग्रेस और भाजपा दोनों के पार्षदों के बीच हाथापाई हुई और इस विवाद की वजह से निगम की बैठक स्थगित हो गई। गौरतलब है कि मेयर का चुनाव आम आदमी पार्टी और कांग्रेस ने मिल कर लड़ा था। लेकिन चुनाव कराने रहे अधिकारी ने आठ वोट अमान्य करके भाजपा के उम्मीदवार को जिता दिया था। बाद में सुप्रीम कोर्ट ने नतीजे खारिज करके आप उम्मीदवार को मेयर घोषित किया था।
बहरहाल, मंगलवार को विवाद की शुरुआत तब हुई, जब कांग्रेस पार्षदों ने मेयर चुनाव के समय वोटों की गिनती में गड़बड़ी के आरोपी मनोनीत पार्षद अनिल मसीह को ‘वोट चोर’ कहना शुरू कर दिया। इसके विरोध में मसीह वेल में आए और कहा कि ‘राहुल गांधी भी जमानत पर हैं’। इससे कांग्रेसी पार्षद भड़क गए। उन्होंने अनिल मसीह के लिए ‘वोट चोर’ के नारे लगाते हुए पोस्टर लहराने शुरू कर दिए। इसके बाद भाजपा पार्षदों भी वेल में पहुंच गए और पोस्टर छीनने शुरू कर दिए।
विवाद इतना बढ़ा कि कांग्रेस के पार्षद गुरप्रीत और सीनियर डिप्टी मेयर कुलजीत सिंह संधू के बीच बहस होने लगी। इससे बवाल ज्यादा बढ़ा और दोनों पक्षों के बीच हाथापाई हो गई। हंगामा बढ़ते देख हाउस की मीटिंग को स्थगित कर दिया गया। गौरतलब है कि अनिल मसीह तब सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने यहां मेयर के चुनाव के वक्त आप और कांग्रेस के आठ पार्षदों के वोट निशान लगाकर अमान्य कर दिए थे और भाजपा उम्मीदवार को जिता दिया था। हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दोबारा गिनती से आप और कांग्रेस के साझा उम्मीदवार कुलदीप कुमार मेयर बने।