धर्मशाला। एक कथित विवादित वीडियो के वायरल होने के बाद विश्व स्तर पर प्रशंसित तिब्बती आध्यात्मिक नेता दलाई लामा ने सोमवार को लड़के और उसके परिवार के साथ-साथ दुनिया भर में लोगों से माफी मांगी।
दलाई लामा के हवाले से एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, दलाई लामा मासूम और चंचल तरीके से अक्सर उन लोगों को चिढ़ाते हैं, जिनसे वे मिलते हैं। यहां तक कि सार्वजनिक रूप से और कैमरों के सामने भी चिढ़ाते हैं। उन्हें घटना पर खेद है।
दरअसल, वीडियो क्लिप इंटरनेट पर वायरल हो रही है। जिसमें एक बच्चे ने दलाई लामा से पूछा क्या वह उन्हें गले लगा सकता है। इसके बाद दलाई लामा उस लड़के को दर्शकों और उसके माता-पिता के सामने जीभ को सक करने के लिए कहते हैं।
इस वीडियो को लेकर दुनिया भर में हंगामा मचा हुआ है। दलाई लामा को हाल ही में फेयर शेयर फॉर चिल्ड्रन समिट में बोलते हुए उद्धृत किया गया था, मेरी सलाह या बल्कि बच्चों से अपील है कि सामाजिक विषमता को कम करने पर ध्यान दें। कोई समाजवादी है या नहीं, उसे मानवता की अधिक भलाई के लिए सोचना चाहिए।
दलाई लामा के समर्थकों का कहना है कि तिब्बती परंपरा के अनुसार अपनी जीभ बाहर निकालना सम्मान या समझौते का प्रतीक है और पारंपरिक तिब्बती संस्कृति में अक्सर इसका इस्तेमाल अभिवादन के रूप में किया जाता है।
तिब्बती लोककथाओं के अनुसार, नौवीं शताब्दी के एक क्रूर तिब्बती राजा की काली जीभ थी, इसलिए लोग यह दिखाने के लिए अपनी जीभ बाहर निकालते हैं कि वे उसके जैसे नहीं हैं।
इस रिवाज का एक लंबा इतिहास रहा है। फिल्म ‘सेवन इयर्स इन तिब्बत’ में हॉलीवुड एक्टर ब्रैड पिट का करेक्टर तिब्बतियों के एक समूह से मिलता है, जो एक साथ अपनी जीभ बाहर निकाल देते हैं।
दलाई लामा के एक करीबी सहयोगी ने बताया कि अक्सर ग्लोबट्रोटिंग संत को गर्भवती माताओं को उनके बेबी बंप पर हाथ रखकर आशीर्वाद देते देखा जाता है।
दिल्ली स्थित वकालत और नीति अनुसंधान समूह, तिब्बत राइट्स कलेक्टिव की वेबसाइट पर एक पोस्ट के अनुसार, दलाई लामा ने अक्सर भारत में आधुनिक शिक्षा प्रणाली में ‘करुणा’ को एक विषय के रूप में शामिल करने की वकालत की है, यह कहते हुए कि इसे छात्रों को धार्मिक विषय के रूप में नहीं, बल्कि आंतरिक शांति को बढ़ावा देने और अधिक से अधिक मानवीय मूल्यों को सीखने के तरीके के रूप में पढ़ाया जाना चाहिए।
2019 में प्रकाशित, दलाई लामा द्वारा बच्चों की पिक्चर बुक ‘सीड्स ऑफ कम्पैशन: लेसन्स फ्रॉम द लाइफ’ सीधे बच्चों को संबोधित करती है और प्यार और करुणा को साझा करती है।
दलाई लामा का मत है कि यदि मनुष्य को सुखी होना है, तो शिक्षा को सौहार्दता के साथ जोड़ा जाना चाहिए। दलाई लामा और आर्कबिशप डेसमंड टूटू की बचपन की कहानियों का उपयोग करने वाली एक अन्य किताब 2022 में युवा पाठकों को यह दिखाने के लिए प्रकाशित की गई थी कि कठिन समय में भी आनंद कैसे पाया जाए।
रैंडम हाउस चिल्ड्रेन्स बुक्स ने अंतर्राष्ट्रीय बेस्टसेलर ‘द बुक ऑफ जॉय’ का एक पिक्चर बुक रूपांतरण प्रकाशित किया। ‘द लिटिल बुक ऑफ जॉय’ में, दो आध्यात्मिक गुरु, सहयोगी राचेल न्यूमैन और डगलस अब्राम्स के साथ, एक साधारण कहानी बताते हैं, जिसे न्यूयॉर्क टाइम्स के बेस्टसेलिंग इलस्ट्रेटर राफेल लोपेज ने जीवंत रुप से जीवन में लाया है। (आईएएनएस)