बादल (पंजाब)। दिवंगत अकाली नेता प्रकाश सिंह बादल (Parkash Singh Badal) को बड़े दिल वाला, किसानों का हमदर्द और आपातकाल के खिलाफ चट्टान की तरह खड़े रहने वाला व्यक्ति बताते हुए केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। शाह ने कहा कि उन्होंने हमेशा धर्मनिरपेक्षता को महत्व दिया और उसका पालन किया और उनका निधन देश के लिए एक बड़ी क्षति है। पंजाब (Punjab) के मुक्तसर जिले में पैतृक गांव बादल में उनके परिवार और समर्थकों के साथ संवेदना व्यक्त करते हुए शाह ने कहा कि अनुभवी नेता का निधन बेहद दुखद है। उनका कई दशकों का करियर गरीबों के कल्याण के लिए समर्पित था। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए एक अपूरणीय क्षति है। सिख ‘पंथ’ (समुदाय) ने एक सच्चा सैनिक और देश ने एक सच्चा देशभक्त खो दिया है।
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शाह के अलावा, उनके मंत्रिमंडल के सहयोगी गजेंद्र सिंह शेखावत (Gajendra Singh Shekhawat) और सोम प्रकाश (Som Prakash), लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) और राजस्थान के कांग्रेस नेता सचिन पायलट, अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह के अलावा कई धार्मिक नेता और सिख संप्रदायों के प्रमुखों ने बादल के अंतिम अरदास में हिस्सा लिया। प्रकाश सिंह बादल का 25 अप्रैल को 95 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उनका अंतिम संस्कार 27 अप्रैल को किया गया। बादल की तस्वीर पर सम्मान के तौर पर दो बार फूल चढ़ाने के बाद शाह ने अपने संबोधन में कहा, ‘वह उनमें से थे जिनके दुश्मन नहीं थे। बादल साहब लोकतंत्र की रक्षा के लिए आपातकाल के खिलाफ चट्टान की तरह खड़े रहे। शाह ने कहा कि उन्हें कई बार बादल से मिलने का सौभाग्य मिला है। यादें हमेशा मेरे साथ रहेंगी। बादल को हमेशा शांति और सांप्रदायिक सद्भाव के लिए काम करने वाला व्यक्ति बताते हुए केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, सात दशक के अपने करियर में बादल पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री और केंद्र में मंत्री रहे। नए पंजाब की नींव रखी। मुझे उनके बेटे (Sukhbir Badal) ने अभी बताया है कि बादल गांव में बादल साहब ने एक मंदिर, एक मस्जिद और एक गुरुद्वारा बनवाया था। (आईएएनएस)