चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा के शंभू बॉर्डर पर पिछले 10 महीने से प्रदर्शन कर रहे किसान शनिवार को भी दिल्ली मार्च नहीं कर सके। तीसरी बार भी उनकी कोशिश कामयाब नहीं हुई। पुलिस ने उनको रोक दिया। अब किसानों ने सोमवार, 16 दिसंबर को पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च का ऐलान किया है तो 18 दिसंबर को पंजाब में रेल रोकने की घोषणा की है। इससे पहले किसानों ने दो बार का विफलता के बाद शनिवार को तीसरा प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उनको घग्गर पुल से आगे नहीं बढ़ने दिया।
शंभू बॉर्डर से शनिवार को दोपहर 12 बजे 101 किसानों का जत्था दिल्ली के लिए रवाना हुए, लेकिन पुलिस ने उन्हें घग्गर नदी पर बने पुल पर ही रोक दिया। वहां पुलिस ने बैरिकेडिंग कर रखी थी। वहां करीब 40 मिनट तक पुलिस से बहस के बाद किसानों ने बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया, जिसमें 10 किसान घायल हुए। करीब दो घंटे बाद यानी दो बजे दिल्ली मार्च को टालते हुए किसानों के जत्थे को वापस बुला लिया गया।
किसानों का आरोप है कि पुलिस ने रॉकेट लॉन्चर से बम और गोलियां चलाई। घग्गर नदी का गंदा और केमिकल वाला पानी प्रयोग किया। इसके बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि 16 दिसंबर को पंजाब को छोड़कर पूरे देश में ट्रैक्टर मार्च निकाले जाएंगे। 18 दिसंबर को पंजाब में 12 बजे से तीन बजे तक रेल रोको अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 18 दिसंबर तक कोई जत्था दिल्ली कूच नहीं करेगा।
इस बीच शंभू बॉर्डर पर शनिवार को एक किसान ने आत्महत्या की कोशिश की। किसान नेता तेजवीर सिंह ने कहा कि लुधियाना के खन्ना के किसान ने जोध सिंह ने सल्फास निगला है। गंभीर हालत के चलते उन्हें पटियाला के राजेंद्र अस्पताल रेफर कर दिया है। इससे पहले किसानों के मार्च के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने अंबाला जिले के 12 गांवों में इंटरनेट पर पाबंदी 18 दिसंबर तक बढ़ा दिया है। उधर खनौरी बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जगजीत डल्लेवाल लगातार 19वें दिन आमरण अनशन पर बैठे हुए हैं। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि डल्लेवाल की सेहत को लेकर पूरा देश चिंतित है, लेकिन देश के प्रधानमंत्री नहीं।