Nirmala Sitharaman: केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजस्थान के जैसलमेर में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (विधानसभा सहित) के वित्त मंत्रियों के साथ बजट पूर्व परामर्श की अध्यक्षता की।
प्रतिभागियों ने वित्त वर्ष 2025-26 के केंद्रीय बजट में विचार के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री को कई सुझाव दिए।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि स्वस्थ व्यापक आर्थिक माहौल, कर संग्रह में तेजी और दक्षता के कारण, 15वें वित्त आयोग के तहत पिछले 45 महीनों (अप्रैल 2021 से दिसंबर 2024) में राज्यों को हस्तांतरित धनराशि 14वें वित्त आयोग (2015-20) के तहत 60 महीनों में हस्तांतरित धनराशि से अधिक है।
राज्यों को विशेष सहायता योजना(Nirmala Sitharaman)
केंद्रीय मंत्री ने पूंजी निवेश के लिए राज्यों को विशेष सहायता योजना (एसएएससीआई) का भी जिक्र किया, जिसकी घोषणा पहली बार केंद्रीय बजट (Union Budget) 2020-21 में की गई थी।
राज्य केंद्र सरकार से इस योजना के तहत फंड बढ़ाने का अनुरोध कर रहे हैं क्योंकि इससे राज्यों में महत्वपूर्ण पूंजीगत परिसंपत्तियों का निर्माण हो रहा है।(Nirmala Sitharaman)
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र ने एसएएससीआई-2024-25 के तहत ‘अनटाइड फंड’ के रूप में लगभग 30,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की है।
इस आवंटन का उपयोग राज्य सरकारें किसी भी क्षेत्र में पूंजीगत परिसंपत्तियों के निर्माण पर व्यय को और बढ़ाने के लिए कर सकती हैं।
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इसके अलावा, केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्र ने गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा नियुक्त अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम (आईएमसीटी) द्वारा मूल्यांकन किए गए गंभीर प्रकृति की आपदाओं से प्रभावित राज्यों के लिए एसएएससीआई के तहत एक अतिरिक्त व्यवस्था बनाई है।
इससे राज्यों को क्षतिग्रस्त बुनियादी ढांचे, जैसे सड़कें और पुल, जलापूर्ति लाइनें, बिजली के खंभे और पुलिया आदि के पुनर्निर्माण के उनके प्रयासों में सहायता मिलेगी।
जिन राज्यों को वित्त वर्ष 2024-25 में गंभीर प्रकृति की प्राकृतिक आपदा (आईएमसीटी द्वारा मूल्यांकन) का सामना करना पड़ा है, वे एसएएससीआई योजना के भाग-1 (अनटाइड) के तहत अपने आवंटन का 50 प्रतिशत तक पाने के पात्र हो सकते हैं।
केंद्रीय मंत्री सीतारमण ने कहा कि यह राशि राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया और शमन कोष (NDRMF) के तहत प्रदान की गई धनराशि के अतिरिक्त होगी।
बैठक में केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी, गोवा, हरियाणा, जम्मू और कश्मीर, मेघालय और ओडिशा के मुख्यमंत्री; अरुणाचल प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना के उपमुख्यमंत्री; वित्त मंत्री, मंत्री, वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों और व्यय विभागों के सचिव और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों और केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।