जयपुर। राजस्थान में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) को असम का राज्यपाल (Assam Governor) बनाए जाने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में विपक्ष के नए नेता (एलओपी) पद के लिए संभावित नामों को लेकर अटकलों का दौर जारी है।
राजनीतिक गलियारों में विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर (Rajendra Rathore) के खाली पद को संभालने की उम्मीद की जा रही है। उधर, पार्टी के सूत्रों ने संकेत दिया है कि यह पद अगली विधानसभा तक खाली रखा जा सकता है।
दरअसल, उस वक्त भौंहें तन गईं, जब यह जानकारी मिली कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) विपक्ष की ओर गुरुवार को बजट सत्र में जवाब देंगे। कई दिग्गजों ने पूछा, पूनिया क्यों और राठौड़ क्यों नहीं।
हालांकि सूत्रों ने कहा कि दो दिन पहले ही राठौड़ की बारी थी। इसलिए पार्टी के नेताओं ने पूनिया से अनुरोध किया कि वे बजट का जवाब देने का नेतृत्व करें। सूत्रों ने कहा कि कटारिया राज्य सरकार के खिलाफ जवाब देने में आक्रामक नहीं हो सकते, क्योंकि वह अब राज्यपाल के संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए पूनिया जवाब देंगे।
इस बीच, मतभेदों के बीच पार्टी के नेताओं का दृढ़ विश्वास है कि इस महत्वपूर्ण समय के दौरान नए नेतृत्व को राज्य का प्रभार देने का समय आ गया है। जहां केंद्रीय नेतृत्व फेरबदल और बदलावों पर चुप्पी साधे हुए है, वहीं राज्य इकाई युवा लॉबी को दी जा रही नई भूमिकाओं को लेकर अटकलों से घिरी हुई है।
पार्टी के एक कार्यकर्ता ने कहा, अटकलें तेज होने दें, हम जानते हैं कि केंद्रीय नेतृत्व हर घटनाक्रम पर नजर रख रहा है और अगले विधानसभा चुनाव में वे राज्य के लिए मार्गदर्शक होंगे। उन्होंने कहा, बस इंतजार करें और देखें, कि हम 175 सीटों को कैसे स्वाइप करते हैं।
जयपुर। राजस्थान में विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया (Gulabchand Kataria) को असम का राज्यपाल (Assam Governor) बनाए जाने के बाद से ही राजनीतिक गलियारों में विपक्ष के नए नेता (एलओपी) पद के लिए संभावित नामों को लेकर अटकलों का दौर जारी है।
राजनीतिक गलियारों में विपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौर (Rajendra Rathore) के खाली पद को संभालने की उम्मीद की जा रही है। उधर, पार्टी के सूत्रों ने संकेत दिया है कि यह पद अगली विधानसभा तक खाली रखा जा सकता है।
दरअसल, उस वक्त भौंहें तन गईं, जब यह जानकारी मिली कि बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया (Satish Poonia) विपक्ष की ओर गुरुवार को बजट सत्र में जवाब देंगे। कई दिग्गजों ने पूछा, पूनिया क्यों और राठौड़ क्यों नहीं।
हालांकि सूत्रों ने कहा कि दो दिन पहले ही राठौड़ की बारी थी। इसलिए पार्टी के नेताओं ने पूनिया से अनुरोध किया कि वे बजट का जवाब देने का नेतृत्व करें। सूत्रों ने कहा कि कटारिया राज्य सरकार के खिलाफ जवाब देने में आक्रामक नहीं हो सकते, क्योंकि वह अब राज्यपाल के संवैधानिक पद पर हैं, इसलिए पूनिया जवाब देंगे।
इस बीच, मतभेदों के बीच पार्टी के नेताओं का दृढ़ विश्वास है कि इस महत्वपूर्ण समय के दौरान नए नेतृत्व को राज्य का प्रभार देने का समय आ गया है। जहां केंद्रीय नेतृत्व फेरबदल और बदलावों पर चुप्पी साधे हुए है, वहीं राज्य इकाई युवा लॉबी को दी जा रही नई भूमिकाओं को लेकर अटकलों से घिरी हुई है।
पार्टी के एक कार्यकर्ता ने कहा, अटकलें तेज होने दें, हम जानते हैं कि केंद्रीय नेतृत्व हर घटनाक्रम पर नजर रख रहा है और अगले विधानसभा चुनाव में वे राज्य के लिए मार्गदर्शक होंगे। उन्होंने कहा, बस इंतजार करें और देखें, कि हम 175 सीटों को कैसे स्वाइप करते हैं। (आईएएनएस)