जयपुर। डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान (Delphic Council of Rajasthan) द्वारा जवाहर कला केन्द्र (Jawahar Kala Kendra) में आयोजित किए जा रहे डेल्फिक गेम्स ऑफ राजस्थान के तीसरे दिन शनिवार को ‘मीडिया एंड कम्यूनिकेशन फॉर हेरिटेज कंजर्वेशन (Media and Communication for Heritage Conservation) विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
इस संगोष्ठी में जेएनयू दिल्ली के सेन्टर फॉर मीडिया स्टडीज के प्रोफेसर डॉ. राकेश बटब्याल (Dr Rakesh Batbyal) से पूर्व सूचना आयुक्त नारायण बारेठ ने संवाद किया। इस दौरान डॉ. बटब्याल ने कहा कि हमारी विरासत में आक्रामकता नहीं बल्कि शालीनता है। विरासत को लेकर मीडिया को भी समझने की ज़रूरत है और हम पर हमेशा थोपी जा रही आक्रामकता से बचाना है।
बटब्याल उन्होंने कहा कि लोकतंत्र, समानता, न्याय, संयम और बचत की प्रवृत्ति आदि भी हमारी विरासतें है जिन्हें सहेजने की आवश्यकता है। डॉ. बटब्याल ने कहा कि दुनिया भारत को उम्मीद की नजर से देखती है। प्रभावित परिपाटी से बचना होगा। उन्होंने कहा कि मीडिया में आज जो कुछ हो रहा है वह पहले भी घटित होता रहा है। तकनीक ने मीडिया के क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया है लेकिन यह तकनीक या नया मीडिया हमारी याददाश्त को प्रभावित कर रहा है। डॉ. उन्होंने कहा कि विविधता हमारी ताकत है, जिसे हम खत्म कर एक जैसा बनना चाह रहे हैं। यह परिपाटी उचित नहीं है।
श्री बारेठ ने कहा कि हमारे पास सहेजने के लिए हर क्षेत्र में कुछ ना कुछ है, लेकिन अब सब कुछ बाजार से संचालित हो रहा है। उन्होंने कहा कि संस्कृति, अध्यात्म, योग, परिधान, खानपान आदि हमारी सॉफ्ट पॉवर हैं, जो राजदूत की तरह कार्य करती है लेकिन भारत अब खुद को जानना भूल रहा है। श्री बारेठ ने मीडिया के बदलते रुख पर चिन्ता व्यक्त करते हुए कहा कि अब मीडिया में विज्ञापन का प्रभाव बढ़ता जा रहा हैं और लगता नहीं कि जो परोसा जा रहा है वह जनहितकारी है। उन्होंने कहा कि सवालों से हमें समाज को समझने का अवसर मिलता है लेकिन अब सवाल ही कटघरे में होते हैं।
संगोष्ठी से पूर्व डेल्फिक काउंसिल ऑफ तेलंगाना के अध्यक्ष अजय मिश्रा एवं डेल्फिक काउंसिल ऑफ जम्मू एंड कश्मीर के अध्यक्ष अशोक सिंह द्वारा दोनों अतिथियों का दुपट्टा ओढाकर स्वागत किया गया जबकि अंत में डेल्फिक काउंसिल ऑफ राजस्थान की अध्यक्ष एवं प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता विभाग श्रेया गुहा द्वारा अतिथियों को स्मृति चिह्न भेंट किये गए। (वार्ता)