जयपुर। दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की अपराध शाखा ने राजस्थान के मुख्यमंत्री के विशेषाधिकारी (ओएसडी) लोकेश शर्मा (Lokesh Sharma) को फोन टैपिंग (phone tapping) मामले में पूछताछ के लिए सोमवार को एक और नोटिस जारी किया है।
अपराध शाखा ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक आवेदन दाखिल कर शर्मा के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर से रोक हटाने का अनुरोध किया था, जिसपर सुनवाई से कुछ दिन पहले यह नोटिस जारी किया गया है।
अपराध शाखा की अर्जी और प्राथमिकी रद्द करने के लिए शर्मा द्वारा दायर याचिका पर 20 फरवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है। जोधपुर से भाजपा के सांसद और केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने 25 मार्च, 2021 को लोकेश शर्मा के खिलाफ आपराधिक साजिश, आपराधिक विश्वासघात और गैरकानूनी रूप से टेलीग्राफिक सिग्नल (टेलीफोनिक बातचीत) को बाधित करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की थी।
शर्मा ने प्राथमिकी रद्द करने की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने 3 जून, 2021 को शर्मा के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई पर अंतरिम रोक लगा दी थी, जो अब भी जारी है।
सूत्रों के अनुसार सीआरपीसी की धारा 41.1 (ए) के तहत शर्मा को जारी किया गया यह छठा नोटिस है। वह दो बार 6 दिसंबर 2021 और 14 मई, 2022 को अपराध शाखा में पूछताछ के लिए पेश हुए और तीन अन्य तारीखों पर पेश नहीं हो पाने का कारण बताया।
पिछले महीने, अपराध शाखा ने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक आवेदन दाखिल किया था, जिसमें 3.6.2021 के अंतरिम आदेश (दंडात्मक कार्रवाई पर रोक) को इस आधार पर रद्द करने की मांग की गई थी कि इससे अंतरिम संरक्षण का दुरुपयोग हो रहा है और जांच में देरी हो रही है। अपराध शाखा और शर्मा की याचिका पर 20 फरवरी को दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई होनी है।
कांग्रेस शासित राजस्थान में जुलाई 2020 में राजनीतिक संकट के दौरान फोन-टैपिंग विवाद सामने आया था। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक 18 विधायकों की बगावत के दौरान केन्द्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और कांग्रेस नेताओं के बीच कथित टेलीफोन बातचीत के ऑडियो क्लिप सामने आये थे। मुख्यमंत्री के ओएसडी लोकेश शर्मा पर ऑडियो क्लिप प्रसारित करने के आरोप लगाये गये थे। हालांकि शर्मा फोन टैपिंग के आरोपों को खारिज कर चुके हैं। (भाषा)