prazna foundation : किशोरियों में स्वच्छता और मासिक धर्म से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता बढ़ाने का प्रयास प्रजना फाउंडेशन का ‘प्रोजेक्ट किशोरी’ सतत रूप से आगे बढ़ रहा है। ब्रह्मोस एयरोस्पेस के सहयोग से चल रहे इस आयोजन में छात्राओं में मासिक धर्म के दौरान स्वच्छता को लेकर सतर्कता और आत्मनिर्भरता का संदेश प्रभावी रूप से दिया जा रहा है। राजस्थान की उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी द्वारा शुरू किया गया यह अभियान प्रजना फाउंडेशन की प्रमुख प्रीति शर्मा के नेतृत्व में इसने जयपुर के स्कूलों में प्रभावी रूप से काम कर रहा है।
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विद्यालयों में किशोरी किट का वितरण और क्लबों का गठन
23 सितंबर को जयपुर के आठ विद्यालयों में किशोरियों के बीच स्वच्छता किट यानि कि किशोरी किट्स का वितरण किया गया और किशोरी क्लबों का गठन किया गया। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय सुशीलपुरा में प्रधानाचार्य श्रीलाल मीणा, अध्यापिका ज्योत्सना कविया की मौजूदगी में छात्राओं को 80 किट वितरित किए गए और किशोरी क्लब का गठन किया गया। इस दौरान छात्राओं को मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में बताया गया।
आंगनबाड़ी पर भी महिलाओं को 70 किट वितरित किए (prazna foundation)
इसी तरह शहीद मेजर योगेश अग्रवाल राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय मुरलीपुरा बीड़ जयपुर में प्रिंसीपल ज्योति वर्मा की मौजूदगी में किशोरी क्लब गठित कर छात्राओं को किशोरी किट वितरित कर मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में बताया गया।
वहीं राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय दहलावास सांगानेर में प्रिंसीपल रामफूल राचोया, अध्यापिका निर्मला आर्या और सुरेश चौधरी की मौजूदगी में छात्राओं को किशोरी किट दिए गए। यहां भी जागरूकता कार्यशाला में छात्राओं को जानकारी दी गई और किशोरी किट वितरित किए गए।
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय छात्रावाला सांगानेर में प्रिंसीपल सीता खण्डेलवाल, अध्यापिका अंकिता और सरोज शर्मा की उपस्थिति में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसमें 32 छात्राओं को किट वितरित किए गए और किशोरी क्लब बनाए गए।
सांगानेर एयरपोर्ट के राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में छात्राओं को किशोरी किट वितरित कर उनके उपयोग और स्वच्छता से संबंधित जानकारी दी गई। यहां किशोरी क्लब में शामिल होने के लिए छात्राओं में उत्साह नजर आया। यहां प्रिंसीपल श्वेता शुक्ला और अध्यापिका बीना शर्मा, सुनीता गुप्ता मौजूद रहीं।
सीतापुरा की महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय में प्रिंसीपल पुरुषोत्तम गुप्ता, अध्यापिका संगीता कच्छावाहा और दिपाली शर्मा की उपस्थिति में किशोरी किट वितरित किए गए।
राजपुरिया के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में भी किशोरी किट लेने के लिए बालिकाओं में उत्साह दिखा और किशोरी क्लब भी गठित किए गए। यहां प्रिंसीपल नरेन्द्र जोशी और अध्यापिका मीनाक्षी ने प्रजना फाउण्डेशन और ब्रह्मोस एयरोस्पेस का आभार जताया।
दीया कुमारी की पहल ने दी नई दिशा
इस परियोजना की शुरुआत उप मुख्यमंत्री दीया कुमारी ने की थी, जिनका मानना है कि मासिक धर्म स्वच्छता एक ऐसा विषय है जिस पर खुलकर चर्चा होना जरूरी है। उनका उद्देश्य इस पहल के माध्यम से किशोरियों में आत्मनिर्भरता और स्वच्छता के प्रति जागरूकता को बढ़ावा देना है, ताकि वे समाज में इस विषय पर फैली भ्रांतियों से मुक्त होकर आगे बढ़ सकें। (prazna foundation)
स्वास्थ्य और स्वच्छता पर चर्चा
प्रजना फाउंडेशन की संस्थापक प्रीति शर्मा और उनकी टीम ने विद्यालयों में किशोरियों से संवाद कर स्वच्छता और मासिक धर्म के दौरान साफ-सफाई की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने समझाया कि स्वच्छता की कमी से गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, इसलिए इस पर खुलकर चर्चा करना बेहद जरूरी है। इस दौरान छात्राओं ने भी अपनी शंकाओं को खुलकर व्यक्त किया और माहवारी स्वच्छता पर बात की।
किशोरी किट्स का महत्व
स्वच्छता किट्स में किशोरियों के लिए मासिक धर्म के दौरान आवश्यक वस्तुएं शामिल थीं। इन किट्स के माध्यम से उन्हें स्वच्छता बनाए रखने में मदद मिलेगी और वे इस विषय पर खुलकर बात कर पाएंगी। यह न केवल उन्हें शारीरिक रूप से स्वस्थ रखेगा, बल्कि उन्हें सामाजिक रूप से भी सशक्त बनाएगा। (prazna foundation)
प्रोजेक्ट किशोरी का उद्देश्य और भविष्य की योजना (prazna foundation)
प्रीति शर्मा का मानना है कि मासिक धर्म स्वच्छता की अनदेखी से किशोरियों के स्वास्थ्य पर गहरा असर पड़ता है, और इस पर चर्चा करने में संकोच करना एक बड़ी सामाजिक बाधा है। प्रोजेक्ट किशोरी का उद्देश्य इन बाधाओं को दूर करना और छात्राओं को जागरूक बनाना है। इस अभियान का विस्तार और अधिक विद्यालयों में करने की योजना बनाई जा रही है, ताकि और भी अधिक किशोरियों को इसका लाभ मिल सके।
‘प्रोजेक्ट किशोरी’ ने जयपुर के चार विद्यालयों में किशोरियों को स्वच्छता के महत्व के प्रति जागरूक किया है और उन्हें इस पर खुलकर बात करने का अवसर प्रदान किया है। इस पहल से किशोरियों को आत्मनिर्भर और स्वस्थ बनने में मदद मिल रही है। भविष्य में इस अभियान को और व्यापक रूप से फैलाने की योजना है, ताकि अधिक किशोरियों और महिलाओं तक इसका लाभ पहुंच सके।