Kanyakumari glass bridge: तमिलनाडु के कन्याकुमारी में देश का पहला कांच का पुल बनाया गया है, जिसका उद्घाटन सीएम एमके स्टालिन ने सोमवार को किया।
यह पुल दो ऐतिहासिक स्थलों, विवेकानंद स्मारक और तिरुवल्लुवर प्रतिमा, को जोड़ता है। इस पुल के जरिए अब लोग सीधे स्मारक से प्रतिमा तक पैदल पहुंच सकते हैं, जिससे नाव की आवश्यकता खत्म हो गई है।
तमिलनाडु के कन्याकुमारी में बने इस कांच के पुल को 37 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया है। यह ब्रिज 10 मीटर चौड़ा और 77 मीटर लंबा है।
सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम के साथ तैयार किए गए इस पुल का उद्घाटन तिरुवल्लुवर प्रतिमा की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर किया गया। इस प्रतिमा को साल 2000 में पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि ने स्थापित किया था।
रजत जयंती के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय समारोह के पहले दिन इस ग्लास फाइबर ब्रिज को खोला गया। जल्द ही यह पुल आम जनता के लिए भी खोल दिया जाएगा।
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पुल की 5 अहम बातें
कितना बड़ा पुल
समंदर पर बना देश का पहला कांच का पुल 77 मीटर लंबा और 10 मीटर चौड़ा है. यह पुल लोगों को पूरी सुरक्षा के साथ एक अलग ही तस्वीर देखने का मौका देगा.
जहां वो ब्रिज से विवेकानंद स्मारक और तिरुवल्लुवर प्रतिमा को देख सकते हैं. साथ ही वो सूरज उदय और सूर्यास्त का मजा ले सकते हैं. कांच के पुल से नीचे देखने पर उन्हें समंदर दिखाई देगा.
बढ़ेगी कनेक्टिविटी
इस पुल के बनने से पहले विवेकानंद स्मारक और तिरुवल्लुवर प्रतिमा तक पहुंचने के लिए लोगों को नांव का सहारा लेना पड़ता था.
विवेकानंद स्मारक से तिरुवल्लुवर प्रतिमा तक जाने के लिए उन्हें बोट में बैठना पड़ता था, लेकिन अब वो सिर्फ 77 मीटर लंबा पुल पार कर के स्मारक से प्रतिमा तक जा सकते हैं.
कितना हुआ खर्च
इस कांच के पुल का निर्माण करने के लिए सरकार ने 37 करोड़ रुपये खर्च किए हैं. साथ ही यह ब्रिज देश के टूरिज्म को बढ़ाने में अहम रोल निभाएगा, क्योंकि यह समंदर पर बना पहला कांच का ब्रिज है तो इसको देखने के लिए लोग पहुंचेंगे.
एमके स्टालिन का प्रोजेक्ट
ग्लास ब्रिज तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन का एक ऐसा प्रोजेक्ट है जिसका मकसद कनेक्टिविटी बढ़ाना और लोगों को सुविधा देना है.
साथ ही इस प्रोजेक्ट का मकसद टूरिज्म को भी बूस्ट करना है. यह पहल कन्याकुमारी को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में बनाने की एक कोशिश भी है.
एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल(Kanyakumari glass bridge)
समंदर के ऊपर बनाए गए इस कांच के ब्रिज को बहुत अलग तरह से डिजाइन किया गया है. इसको तैयार करने के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है.
ग्लास ब्रिज को तेज समुद्री हवाओं सहित नाजुक और खतरनाक समुद्री परिस्थितियों का सामना करने के लिए डिजाइन किया गया है. इन सब चीजों के साथ इस पुल पर लोगों की सुरक्षा का खास ख्याल रखा गया है.
तमिलनाडु के लोक निर्माण और राजमार्ग मंत्री ई वी वेलु ने इस ब्रिज के निर्माण को लेकर कहा, “पुल का निर्माण करना बहुत चुनौतीपूर्ण है.
हमें इसे समुद्र के ऊपर और तेज हवा जैसी कई मुश्किलों का सामना करने के लिए तैयार करने के लिए विशेषज्ञों की मदद लेनी पड़ी. वेलु ने कहा कि कांच का पुल कन्याकुमारी में पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बनेगा.