New Delhi: कोविड मामले की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से कई कठोर सवाल किये जा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा आखिर केंद्र सरकार 100 प्रतिशत वैक्सीन क्यों नहीं खरीद रही है. एक हिस्सा खरीद कर बाकी बेचने के लिए वैक्सीन निर्माता कंपनियों को क्यों स्वतंत्र कर दिया गया है? कोर्ट ने कहा कि वैक्सीन विकसित करने में सरकार का भी पैसा लगा है. इसलिए, यह सार्वजनिक संसाधन है. सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस चंद्रचूड़ ने सुनवाई करते हुए कहा कि ऐसा नहीं है कि हम सरकार की सिर्फ आलोचना कर रहे हैं. पता है कि पिछले 70 सालों में बहुत कुछ नहीं हो पाया. लेकिन इस आपातकालीन स्थिति में अभी बहुत काम करने की जरूरत है. इसपर सॉलिसीटर ने कहा, सरकार इस सुनवाई को सही रूप में ही ले रही है. इस समय बहुत ही गंभीर स्थिति है.
कोर्ट ने पूछा निरक्षर काैसे करेंगे कोविन ऐप का इस्तेमाल
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि लोगों को सही और उचित कीमत पर इलाज मिल सके, यह सुनिश्चित करना जरूरी है. जो लोग स्वास्थ्य सेवा में लगे हैं, उनकी सुरक्षा जरूरी है. जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘हम यह साफ करना चाहते हैं कि अगर लोग सोशल मीडिया पर अपनी पीड़ा बता रहे हैं तो उसे झूठी सूचना बताकर कार्रवाई नहीं की जा सकती. सभी राज्यों और उनके पुलिस महानिदेशक तक यह स्पष्ट संकेत जाना चाहिए कि इस तरह की कार्रवाई को हम कोर्ट की अवमानना के तौर पर देखें. कोर्ट ने कहा कि निरक्षर लोग कैसे कोविन एप का प्रयोग कर सकेंगे.
इसे भी पढें- Corona के कहर के बीच Online Shopping से इस कम्पनी को रिकॉर्ड मुनाफा
कोर्ट ने लगा दी सवालों की झड़ी
कोविड मामले पर सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से पूछा, बांग्लादेश में रेमडेसिविर का एक जेनरिक इंजेक्शन बनाया गया है. क्या वर्तमान कानून के तहत उसका आयात हो सकता है? क्या उसे भारत मे बनाने का लाइसेंस लिया जा सकता है. इस समय राष्ट्रीय स्तर पर हॉस्पिटल में भर्ती करने के लिए क्या कोई नीति है? जब कोविड का नया वैरिएंट RTPCR से पता नहीं चल पा रहा, तो उस बारे में क्या रिसर्च हुआ है? टेस्ट का नतीजा कम समय मे मिल सके, इस बारे में क्या किया जा रहा है?
इसे भी पढें- Delhi CoronaVirus : AAP MLA शोएब इकबाल ने की दिल्ली में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग