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रॉबर्ट वाड्रा अमेठी से लड़ना चाहते हैं

नई दिल्ली। नेहरू गांधी परिवार की पारंपरिक सीट रही अमेठी से अब रॉबर्ट वाड्रा चुनाव लड़ना चाहते हैं। अमेठी और रायबरेली सीट से कांग्रेस उम्मीदवारों की घोषणा में हो रही देरी के बीच गुरुवार को वाड्रा ने कहा कि वे अमेठी से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने अमेठी सीट पर पिछले चुनाव में राहुल गांधी को हराने वाली स्मृति ईरानी की आलोचना भी की और कहा कि उन्होंने अमेठी के लिए कोई काम नहीं किया। सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि अमेठी के लोग उनको चुन कर अफसोस कर रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रॉबर्ट वाड्रा ने एक समाचार एजेंसी से बातचीत में कहा- अमेठी के लोग चाहते हैं कि मैं अपना पहला राजनीतिक कदम अमेठी में रखूं और यहां से सांसद बनूं। स्मृति ईरानी पर हमला करते हुए उन्होंने कहा- मौजूदा सांसद ने कुछ काम नहीं किया है। सिर्फ गांधी परिवार पर इल्जाम लगाया है। अमेठी के लोगों को यह अहसास हो गया है कि उन्होंने स्मृति जी को जिता कर गलती की है। वाड्रा ने दावा करते हुए कहा- अमेठी के लोग चाहते हैं कि अब यहां से गांधी परिवार का कोई सदस्य चुनाव लड़े। वे मेरी तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रहे हैं। गांधी परिवार शुरू से यहां के लोगों के लिए बहुत मेहनत की है।

राबॅर्ट वाड्रा ने कहा- मैं तो चाहूंगा कि जो भी अमेठी का सांसद हो, वो अमेठी की प्रगति की बात करे। सुरक्षा की बात करे। भेदभाव की राजनीति न करे। लेकिन अभी की जो अमेठी सांसद हैं, उनसे वहां के लोग बहुत परेशान हैं। उनको लगता है कि उनसे गलती हुई है। क्योंकि उनका वहां ज्यादा आना-जाना नहीं है। उनका बस यही काम रहता है कि गांधी परिवार पर इल्जाम लगाएं और शोर-शराबा करें। वाड्रा ने कहा- स्मृति जी अपनी पोजिशन का गलत इस्तेमाल कर रही हैं। ज्यादातर वो इसी में लगी हुई हैं। सालों से गांधी परिवार ने अमेठी, सुल्तानपुर, जगदीशपुर और रायबरेली में मेहनत से काम किया। वहां के लोगों की प्रगति हुई।

गौरतलब है कि राहुल गांधी पिछली बार अमेठी और केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़े थे। वे अमेठी में चुनाव हार गए थे। इस बार रायबरेली सीट भी खाली हो गई है क्योंकि सोनिया गांधी राज्यसभा में चली गई हैं और वे चुनाव नहीं लड़ेंगी। ये दोनों सीटें नेहरू गांधी परिवार की पारंपरिक सीटें हैं। तभी वाड्रा ने कहा- अमेठी के लोग अब चाहते हैं कि गांधी परिवार का कोई सदस्य वापस आए, वो उसको भारी बहुमत से जिताएंगे। वे मुझसे भी उम्मीद कर रहे हैं कि अगर मैं राजनीति में अपना पहला कदम रखूं, तो अमेठी से ही चुनाव लड़ूं और सांसद बनूं।

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