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अयोध्या केवल एक शहर नहीं, बल्कि धर्म और साहित्य की प्रेरणास्थली: योगी

Yogi Adityanath

Gautam Budh Nagar, Mar 08 (ANI): Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath addresses the gathering during the foundation stone laying ceremony of Microsoft Noida Campus, in Gautam Budh Nagar on Saturday. (ANI Photo)

Yogi Adityanath : अयोध्या में 2016-17 में पूरे सालभर मात्र 2.34 लाख श्रद्धालु अयोध्या आते थे, लेकिन आज 16 करोड़ से अधिक लोग यहां भगवान श्री राम का दर्शन करने आ रहे हैं। यह अयोध्या की बढ़ती महिमा और भव्यता का प्रतीक है।

अयोध्या में ‘टाइमलेस अयोध्या लिटरेचर फेस्टिवल’ के भव्य शुभारंभ के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुख्य अतिथि के रूप में ये बातें कही। 

अयोध्या में आयोजित इस साहित्यिक महोत्सव में सबसे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का स्वागत किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच राजसदन में उनका पारंपरिक तरीके से अभिनंदन हुआ। 

सीएम योगी ने सबसे पहले वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अशोक के पौधे को जल अर्पण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने विरासत और विकास को साथ जोड़कर भारत की परंपराओं को पुनर्जीवित करने का कार्य किया है, जिससे एक बड़ी शुरुआत हुई है। (Yogi Adityanath)

उन्होंने कहा कि अयोध्या सनातन धर्म की आधारभूमि है। यह केवल एक शहर नहीं, बल्कि धर्म और साहित्य की प्रेरणास्थली है। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि और संत तुलसीदास द्वारा रामायण और रामचरितमानस की रचना का उल्लेख करते हुए कहा कि अयोध्या हमेशा से साहित्य और संस्कृति का केंद्र रही है।

अयोध्या सनातन धर्म का केंद्र है। भगवान मनु ने यहीं से मानव धर्म की नींव रखी और यही भूमि श्री हरि विष्णु के अवतार प्रभु श्रीराम की कर्मभूमि बनी। रामायण दुनिया का पहला महाकाव्य बना, जिसने साहित्य को नई दिशा दी। (Yogi Adityanath)

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साहित्य समाज का दर्पण (Yogi Adityanath)

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार महर्षि वाल्मीकि ने रामकथा को विश्वभर में अमर कर दिया, उसी प्रकार आज भी अयोध्या से जुड़ी हर रचना लोगों के हृदय को छूती है। रामायण और रामचरितमानस आज भी दुनिया के हर कोने और देश के हर घर में पढ़े और सराहे जाते हैं। (Yogi Adityanath)

अयोध्या को वह सम्मान मिलना चाहिए, जिसकी वह सदियों से हकदार रही है। 2017 में जब अयोध्या में दीपोत्सव मनाने की योजना बनाई, तब कुछ लोगों ने इसे लेकर सवाल उठाए, लेकिन आज लाखों करोड़ों श्रद्धालु दीपोत्सव में शामिल होते हैं।

सीएम योगी ने कहा कि साहित्य समाज का दर्पण होता है। यह केवल संस्कृति का संरक्षण ही नहीं करता, बल्कि समाज को सही दिशा भी प्रदान करता है। आज के डिजिटल युग में पढ़ने-लिखने की परंपरा बाधित हो रही है। लेकिन, लिटरेचर फेस्टिवल जैसे आयोजन इसे पुनर्जीवित करने में मददगार साबित होंगे।

उन्होंने ‘टाइमलेस अयोध्या लिटरेचर फेस्टिवल’ की पूरी टीम को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का कार्य करेंगे और भारतीय साहित्य को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएंगे। इस महोत्सव ने यह साबित किया कि अयोध्या केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि साहित्य और संस्कृति की भी पावन भूमि है। (Yogi Adityanath)

उन्होंने कहा कि मुझे एक बार यूरोप जाने का अवसर मिला। वहां एक टैक्सी ली। टैक्सी वाले से पूछा कि कहां के रहने वाले हो तो उसने बताया कि पंजाब का रहने वाला हूं। फिर मैंने कहा पंजाब में कहां से? थोड़ा संकोच में उसने कहा कि मैं पाकिस्तान वाले पंजाब से हूं। मैंने पूछा कि पहले तुमने भारतीय क्यों कहा?

तो, उसने कहा कि हम भारतीय कहने पर सेफ रहते हैं। अगर हम पाकिस्तान का बोलें तो पता नहीं क्या हो जाए। यह स्थिति आज दुनिया के अंदर है। (Yogi Adityanath)

भारत के प्रति सम्मान का भाव है, लेकिन जिन्होंने दुनिया को आतंकवाद का भाव दिया, उतना ही उनके प्रति नफरत दुनिया के मन में भी है। आज लोग अपने को भारत और विशेष तौर पर उत्तर प्रदेश का नागरिक बताते हुए गर्व महसूस करते हैं।

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