गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने शुक्रवार को गोरखपुर वन प्रभाग के कैम्पियरगंज रेंज के भारीवैसी में स्थापित दुनिया के पहले जटायु राजगिद्ध (रेड हेडेड वल्चर) संरक्षण एवं प्रजनन केंद्र का उद्घाटन किया। उन्होंने वन विभाग को निर्देशित करते हुए कहा कि गोरखपुर में एक फॉरेस्ट्री कॉलेज बनाएं। जहां वन से संबंधित पढ़ाई के लिए डिग्री और डिप्लोमा के पाठ्यक्रम चलाए जाएं। इससे वन विभाग की आवश्यकता के अनुरूप विभिन्न पदों पर युवाओं को नौकरी मिल सकेगी। साथ ही यह फॉरेस्ट्री को विकसित करने और वन संरक्षण का बड़ा माध्यम भी बनेगा। उन्होंने केंद्र के निर्माण में योगदान देने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। उन्होंने कहा कि जब विकास प्रकृति और पर्यावरण को बचाकर किया जाएगा, तभी वह सतत विकास होगा। लंबे समय तक उसका लाभ मिलेगा।
प्रकृति और पर्यावरण की कीमत पर होने वाला विकास क्षणिक और खतरनाक होता है। इसके दूरगामी परिणाम होते हैं। गिद्धराज जटायु (Vulture King Jatayu) के रामायणकालीन आख्यान का स्मरण करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि पेस्टीसाइड के दुष्प्रभाव से पर्यावरण के संरक्षक गिद्धों की संख्या तेजी से घटी है। उनके संरक्षण के लिए यूपी और भारत ही नहीं बल्कि दुनिया का पहला संरक्षण केंद्र कैम्पियरगंज में खोला गया है। इस केंद्र में वनटांगिया समुदाय (Vantangiya Community) के लोग भी केयरटेकर के रूप में नौकरी से जुड़े हैं। उन्होंने कहा कि प्रकृति और इसके जीवों को बचाने की जिम्मेदारी हम सबकी है। आज हम जटायु संरक्षण केंद्र के माध्यम से अपनी वैदिक और पौराणिक परंपरा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं। गिद्धराज जटायु धर्म और नई गरिमा की रक्षा के लिए रामायण काल के पहले बलिदानी थे। उन्होंने सीताजी के दुखभरे वचन को सुनकर ही जान लिया था कि यह आवाज रघुकुल तिलक श्रीराम की अर्धांगिनी की है।
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गिद्धराज जटायु राजा दशरथ (King Dasharatha) के मित्र थे। मित्रता निभाने और नारी गरिमा की रक्षा के लिए वे निहत्थे ही रावण से भिड़ गए और खुद को बलिदान कर दिया। रामायण से हमें मित्रता, नारी गरिमा, मर्यादा, अनुशासन और वचन रक्षा की प्रेरणा मिलती है। उन्होंने कहा कि आज के कालखंड में भी पर्यावरण की शुद्धि के लिए जो कार्य जटायु के वंशजों द्वारा किया जाता है, वह अविस्मरणीय है। जटायु के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने के लिए, रामायणकालीन उनकी स्मृतियों को बनाए रखने के लिए अयोध्या में राम मंदिर (Ram Temple) के सामने गिद्धराज जटायु की विशाल प्रतिमा स्थापित की गई है और अब यह जटायु संरक्षण केंद्र भी उसी की कड़ी है। उत्तर प्रदेश देश ही नहीं बल्कि दुनिया का ऐसा पहला राज्य है, जिसने 7 वर्षों में 200 करोड़ के पौधरोपण के लक्ष्य को हासिल किया है। 2017 के पहले हमें जहां जंगलों की कटान देखने को मिलती थी, वहीं अब बड़े पैमाने पर पौधे लगाए और बचाए जा रहे हैं।