mahakumbh: महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर स्नान करने पहुंची श्रद्धालुओं की भारी भीड़ में भगदड़ मच गई। इसमें कम से कम 30 लोगों की मौत हो गई है।
राज्य सरकार ने हादसे के 17 घंटे बाद 30 लोगों के मरने की पुष्टि की है। हालांकि अनधिकृत रिपोर्ट के मुताबिक मरने वालों की संख्या 40 या उससे ज्यादा भी हो सकती है।
सरकार की ओर से बताया गया है कि 90 लोग घायल हुए हैं। देर शाम तक मृतकों में से 25 की पहचान हुई थी। हादसा मंगलवार को आधी रात के बाद करीब डेढ़ बजे हुआ।
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सरकार ने हादसे के 17 घंटे बाद महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 लोगों की मौत की पुष्टि की। पुलिस के उप महानिरीक्षक यानी डीआईजी वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
उन्होंने कहा, ‘महाकुंभ में हुई भगदड़ में 30 श्रद्धालुओं की मौत हुई। इनमें 25 की शिनाख्त हो चुकी है। 90 घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया’।(mahakumbh)
उन्होंने कहा कि बैरिकेडिंग टूटने की वजह से भगदड़ मची थी। हादसा मंगलवार देर रात करीब डेढ़ बजे हुआ।
भगदड़ उस वक्त मची जब लोग संगम तट पर मौनी अमावस्या के स्नान लिए इंतजार कर रहे थे। यह हादसा क्यों हुआ, इसकी वजह सामने नहीं आई है।
भीड़ बनी जानलेवा
बताया जा रहा है कि मौनी अमावस्या के मौके पर अमृत स्नान की वजह से ज्यादातर पांटून पुल बंद कर दिए गए थे। इस कारण संगम पर लाखों की भीड़ इकट्ठा होती चली गई।
इस दौरान बैरिकेड्स में फंस कर कुछ लोग गिर गए। यह देखकर भगदड़ मच गई। यह भी कहा जा रहा है कि ज्यादा से ज्यादा लोग संगम तक पहुंचने की कोशिश कर रहे थे, जबकि बार बार लोगों से अपील की जा रही थी कि वे जहां हैं वहां नजदीकी घाट पर स्नान करें।
अंदर आने और बाहर निकलने का रास्ता एक ही होने की वजह से जब भगदड़ मची तो भागने का मौका नहीं मिला। लोग एक दूसरे के ऊपर गिरते गए।(mahakumbh)
10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान(mahakumbh)
हादसे के बाद बुधवार को दिन में कई वीडियो वायरल हुए, जिनसे हादसे की भयावहता का अंदाजा लगता है।
एक अधिकारी का वीडियो भी वायरल हो रहा है, जो माइक लेकर आधी रात को श्रद्धालुओं को जगा रहे हैं और स्नान करने के लिए कह रहे हैं।
वे यह भी कह रहे हैं कि भगदड़ मच सकती है। माना जा रहा है कि उसके थोड़ी देर बाद ही भगदड़ मची। भगदड़ में काफी लोग परिजनों से बिछड़ भी गए।
हालांकि बुधवार की सुबह काफी देर तक राज्य सरकार किसी तरह की भगदड़ से इनकार करती रही और सब कुछ सामान्य होने का दावा किया जाता रहा।
प्रयागराज में मेला प्रशासन के मुताबिक, संगम तट सहित 44 घाटों पर बुधवार देर रात तक आठ से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का अनुमान है।(mahakumbh)
मंगलवार रात को हुए हादसे के बाद पूरे शहर में सुरक्षा के लिए 60 हजार से ज्यादा जवान तैनात किए गए हैं।
वाराणसी और अयोध्या में भारी भीड़
बहरहाल, हादसे के बाद पुलिस और प्रशासन ने सुचारू रूप से स्नान की व्यवस्था कराई। भीड़ का प्रबंधन करने के लिए प्रयागजार में एंट्री की सभी सड़कों को बंद कर दिया गया।
प्रयागराज से लगती भदोही, चित्रकूट, कौशांबी, फतेहपुर, प्रतापगढ़, जौनपुर और मिजापुर की सीमा को बंद कर दिया गया है। साथ ही पूरे मेला क्षेत्र को नो व्हीकल जोन घोषित कर दिया है।
वीआईपी पास के साथ जारी सभी गाड़ियों के पास रद्द कर दिए गए हैं। पूरे मेला क्षेत्र में कोई भी दोपहिया या चार पहिया वाहन के जाने पर रोक लगा दी गई है।(mahakumbh)
यह रोक चार फरवरी तक जारी रहेगी। उधर प्रयागराज से लौट रहे श्रद्धालुओं की वजह से वाराणसी और अयोध्या में भारी भीड़ हो गई है। एक अनुमान के मुताबिक बुधवार को इन दोनों शहरों में 40 लाख लोग पहुंच गए।