अयोध्या। अयोध्या विकास प्राधिकरण (Ayodhya Development Authority) (एडीए) ने शुक्रवार को यहां धन्नीपुर मस्जिद (Dhannipur Masjid) के निर्माण को अंतिम मंजूरी दे दी। मंजूरी न मिलने और एडीए द्वारा भूमि उपयोग के परिवर्तन के मामले के कारण मस्जिद के निर्माण में दो साल से अधिक की देरी हुई।
बाबरी मस्जिद-राम जन्मभूमि फैसले में उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर सरकार ने अयोध्या जिले के धन्नीपुर गांव में पांच एकड़ जमीन दी थी जिस पर ‘इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन’ ट्रस्ट द्वारा एक मस्जिद, अस्पताल, शोध संस्थान, सामुदायिक रसोई और एक पुस्तकालय का निर्माण कराया जाना है। मंजूरी न मिलने और एडीए द्वारा भूमि उपयोग के परिवर्तन के मामले के कारण मस्जिद के निर्माण में दो साल से अधिक की देरी हुई।
अयोध्या के संभागीय आयुक्त और एडीए के अध्यक्ष गौरव दयाल ने शनिवार को कहा, हमने शुक्रवार को हुई बोर्ड बैठक में अयोध्या मस्जिद की परियोजना को मंजूरी दे दी है। कुछ विभागीय औपचारिकताओं के बाद स्वीकृत नक्शे कुछ दिन में इंडो-इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन को सौंप दिए जाएंगे। ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने बताया कि सभी मंजूरी मिलने के बाद एक बैठक की जाएगी और मस्जिद के निर्माण की योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। हुसैन ने कहा, हमने 26 जनवरी, 2021 को मस्जिद की नींव रखी थी, हमने इस दिन को अयोध्या मस्जिद की नींव रखने के लिए चुना क्योंकि सात दशक पहले इसी दिन भारत का संविधान लागू हुआ था।
अयोध्या जिले के धन्नीपुर गांव में एक मस्जिद, अस्पताल, शोध संस्थान, सामुदायिक रसोई और पुस्तकालय के निर्माण की मंजूरी के लिए जुलाई 2020 में अयोध्या विकास प्राधिकरण में आवेदन किया गया था।
गौरतलब है कि नौ नवंबर, 2019 को एक ऐतिहासिक फैसले में उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर के निर्माण का आदेश दिया था और सरकार से जिले में एक प्रमुख स्थान पर मस्जिद के निर्माण के लिए पांच एकड़ जमीन आवंटित करने को कहा था। (भाषा)