Naya India-Hindi News, Latest Hindi News, Breaking News, Hindi Samachar

यूपी: खुशी दुबे की रिहाई में लगेगा वक्त

कानपुर। बिकरू नरसंहार मामले में आरोपी बनाई गई खुशी दुबे (Khushi Dubey) को रिहा होने में अभी कुछ और समय लगेगा। दरअसल, जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (Juvenile Justice Board) में उसके जमानत के फॉर्म दाखिल किए गए हैं, लेकिन अदालत ने इसकी पुष्टि करने का आदेश दिया है।

जमानतदारों के वेरिफिकेशन की रिपोर्ट आने के बाद कोर्ट खुशी की कानपुर देहात स्थित माटी जेल से रिहाई के आदेश जारी करेगी। सुप्रीम कोर्ट ने 6 जनवरी को खुशी दुबे को जमानत दे दी थी।

खुशी दुबे के अधिवक्ता शिवकांत दीक्षित ने बताया कि न्यायालय के आदेश के अनुपालन में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश-तेरहवें शैलेंद्र कुमार वर्मा की अदालत के साथ-साथ किशोर न्याय बोर्ड में भी जमानत फॉर्म दाखिल किये गये हैं। अदालत ने उनके वेरिफिकेशन का आदेश दिया है। जमानत की वेरिफिकेशन रिपोर्ट प्राप्त होने के बाद खुशी की रिहाई का आदेश जारी कर दिया जाएगा।

हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने खुशी को जमानत देते हुए कहा था कि चूंकि घटना के समय वह केवल 17 साल की थी और मामले में उसकी सुनवाई शुरू हो गई है, ऐसे में उसे जेल में रखने का कोई औचित्य नहीं है।

गौरतलब है कि चौबेपुर के बिकरू गांव निवासी विकास दुबे के खिलाफ लूट और हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया था। 3 जुलाई 2020 को पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए बिकरू गांव में छापेमारी की थी। विकास दुबे और उसके चार दर्जन से अधिक सहयोगियों ने एक पुलिस उपाधीक्षक सहित आठ पुलिसकर्मियों पर हमला किया था और उनकी हत्या कर दी थी।

बाद में, पुलिस ने कई मुठभेड़ों में विकास दुबे और अमर दुबे सहित छह आरोपियों को मार गिराया। विकास 10 जुलाई को मध्य प्रदेश के उज्जैन से लाए जाने के दौरान पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश में मारा गया था। खुशी को हत्या और साजिश सहित 17 मामलों में आरोपी बनाया गया था। घटना के वक्त उसकी शादी को तीन दिन हुए थे। (आईएएनएस)

Exit mobile version