अयोध्या। राम जन्मभूमि मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मोदी ने ही मंदिर का शिलान्यास किया था। बताया जा रहा है कि इसके पहल तल का 85 फीसदी काम पूरा हो गया है। मंदिर में रामलला की मूर्ति दिसंबर या जनवरी में स्थापित होगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने प्राण प्रतिष्ठा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कराने का फैसला लिया है। इस अवसर पर रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव सात दिन तक मनाया जाएगा।
ट्रस्ट की बैठक के बाद इस बारे में जानकारी देते हुए इसके महासचिव चंपत राय ने कहा- अभी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम की तारीख तय नहीं है, लेकिन इसके लिए विद्वानों से चर्चा की जा रही है। राम मंदिर के ग्राउंड फ्लोर और गर्भगृह का काम 15 दिसंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा की तैयारी होगी। उन्होंने कहा कि ग्राउंड फ्लोर का 85 फीसदी काम पूरा हो गया है।
बताया जा रहा है कि ट्रस्ट की ओर से चिट्ठी लिख कर प्रधानमंत्री मोदी से 26 जनवरी से पहले का कोई समय मांगा जाएगा। चंपत राय ने बताया कि ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरि आमंत्रण के लिए पत्र तैयार करेंगे। इस पर महंत नृत्यगोपाल दास हस्ताक्षर करेंगे। इसे प्रधानमंत्री को भेजा जाएगा। चंपत राय ने कहा- सात दिनों के उत्सव के लिए देश भर के संतों-धर्माचार्यों से आग्रह किया जाएगा। उनसे निवेदन किया जाएगा कि वे अपनी-अपनी जगहों पर प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव मनाएं।
इस बीच यह भी बताया गया कि शुक्रवार यानी दो जून को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास का जन्मोत्सव है। इस दिन संत सम्मेलन में राम मंदिर के ट्रस्ट और देश भर के संत शामिल होंगे। माना जा रहा है कि ट्रस्ट की बैठक में रामलला की मूर्ति पर सहमति बनने के बाद संत सम्मेलन में इसकी घोषणा सार्वजनिक की जाएगी। गौरतलब की रामलला की तीन मूर्तियों का काम चल रहा है, जिसमें से एक को प्राण प्रतिष्ठा के लिए चुना जाएगा।