Prayagraj MahaKumbh 2025: हिंदू धर्म के और संभवतः पूरी दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक व आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ का आरंभ सोमवार, 13 जनवरी को रहा है।
उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हर 12 साल पर लगने वाले महाकुंभ का पहला स्नान सोमवार को होगा। इसके साथ ही 43 दिन तक चलने वाले महान आयोजन की शुरुआत हो जाएगी।
महाकुंभ का पहला शाही स्नान मकर संक्रांति के मौके पर 14 जनवरी को होगा। हालांकि अब शाही की जगह राजसी स्नान कहा जाने लगा है।
इसमें सभी 13 अखाड़े संगम में स्नान करेंगे। पूरी दुनिया से करोड़ों की संख्या में लोग इस मेले में शामिल होने पहुंचेंगे।
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महाकुंभ का समापन 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा। महाकुंभ के पहले दिन से लेकर आखिरी दिन यानी महाशिवरात्रि तक कुल छह महत्वपूर्ण स्नान होंगे।
पहला स्नान 13 जनवरी को होगा। दूसरा स्नान मकर संक्रांति के मौके पर 14 जनवरी को होगा। इसके बाद तीसरा अहम स्नान 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के मौके पर होगा।
चौथा महत्वपूर्ण स्नान दो फरवरी को बसंत पंचमी यानी सरस्वती पूजा के मौके पर होगा। पांचवा स्नान माघी पूर्णिमा के मौके पर 12 फरवरी को और छठा व आखिरी अहम स्नान 26 फरवरी को महाशिवरात्रि के दिन होगा।
इनमें से तीन मौकों को सबसे खास माना जाता है। मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी के शाही स्नान को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है और सबसे ज्यादा भीड़ इन तीन दिनों पर जुटेगी।
माना जा रहा है कि इन तीनों दिन दो दो करोड़ से ज्यादा लोग महाकुंभ में स्नान के लिए पहुंचेंगे।
स्नान के लिए 40 मिनट का समय
पहले राजसी स्नान के लिए पूरी व्यवस्था कर ली गई है। संगम तक जाने के लिए रास्तों को बल्लियों से घेर दिया गया है। इसके बाद इन पर जाली लगाई गई है।
इसी रास्ते से नागा साधु दौड़ते हुए शाही स्नान के लिए जाएंगे। हर अखाड़े के स्नान के लिए 40 मिनट का समय तय किया गया है।
आम लोगों और गाड़ियों से प्रयागराज पहुंचने वालों को संगम तट से 12 किलोमीटर दूर रोक दिया जाएगा। संगम घाट पर भी सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खुद कई बार प्रयागराज का दौरा किया और सारी तैयारियों का जायजा लिया। सुरक्षा तैयारियों के तहत रविवार को एनएसजी कमांडो ने भी अपनी तैयारियों का रिहर्सल किया।
बड़ी संख्या में लोगों ने रविवार को भी संगम में स्नान किया। घाटों की सफाई के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारी तैनात किए गए हैं। संगम में स्नान करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए जल पुलिस भी तैनात है।
इस बीच रविवार को एक बड़ा हादसा होते होते बचा। रविवार को पुल से आठ साल की एक बच्ची संगम में गिर गई। बच्ची की मां और भाई ने भी उसके पीछे नदी में छलांग लगा दी।
हालांकि घाट पर मुस्तैद एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के जवानों ने रस्सी के सहारे तीनों लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
अखाड़े की पेशवाई निकाली(Prayagraj MahaKumbh 2025)
औपचारिक रूप से महाकुंभ की शुरुआत से एक दिन पहले रविवार को आखिरी अखाड़े की पेशवाई निकाली गई।
श्री पंचायती बड़ा उदासीन अखाड़े के एक हजार से ज्यादा साधु संत ऊंट, घोड़े, रथ पर सवार होकर महाकुंभ के लिए निकले। इस बीच यहां बारिश भी शुरू हो गई।
हालांकि भीगते हुए भी संतों की पेशवाई जारी रही। इस बार संगम पर विशेष तैयारी की गई है। बताया गया है कि उत्तर प्रदेश के सिंचाई विभाग ने 85 दिन तक काम करके संगम नोज का एरिया दो हेक्टेयर से ज्यादा बढ़ा दिया है। इससे अब हर घंटे दो लाख श्रद्धालु संगम में स्नान कर सकेंगे।