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योगी सरकार का 2030 तक निर्यात को तीन गुना करने का लक्ष्य

Prayagraj, Apr 03 (ANI): Uttar Pradesh Chief Minister Yogi Adityanath addresses the gathering on laying the foundation stone of 181 development projects worth Rs 579 crores, at Shringverpur Dham in Prayagraj on Thursday. (ANI Photo)

Yogi Adityanath : योगी सरकार का लक्ष्य वर्ष 2030 तक निर्यात को तीन गुना करने का है। निर्यात बढ़ाने के इस लक्ष्य में खेती-बाड़ी की अहम भूमिका होगी। राष्ट्रीय स्तर के निर्यात के आंकड़े भी यही कहते हैं। इन आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 के बाद से ही कृषि एवं खाद्य पदार्थों के निर्यात में लगातार वृद्धि हुई है। 2023-2024 की तुलना में 2024-2025 में वृद्धि की यह दर करीब 10 फीसद रही। कई फलों एवं सब्जियों को नए बाजार मिले। (Yogi Adityanath)

वैश्विक स्तर की बेहतरीन कनेक्टिविटी और देश के इकलौते अंतरराज्यीय जलमार्ग (प्रयाग से हल्दिया) के कारण पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों से खाड़ी के देशों को सब्जियों के निर्यात में वृद्धि हुई है। वैसे तो सेहत का सेक्टर शुरू से सर्वोपरि रहा है, कोविड के बाद यह क्रेज के रूप में उभरा है। लोगों के फूड बिहेवियर में आमूलचूल बदलाव आया है। यूरोप और अमेरिका में ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग बढ़ी है। इन देशों के निर्यात के मानक उत्पादों की गुणवत्ता को लेकर बेहद सख्त हैं।

योगी सरकार निर्यात के मानकों को सुनिश्चित करने के लिए एशिया के सबसे बड़े अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट (जेवर) के पास एक्सपोर्ट हब विकसित कर रही है। इस हब में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशाला भी होगी। ऑर्गेनिक उत्पादों की मांग से प्राकृतिक खेती करने वाले किसान खुशहाल होंगे।

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गुणवत्ता सुनिश्चित करने के साथ सरकार का फोकस कृषि विविधीकरण और प्राकृतिक खेती पर भी है। समूचे बुंदेलखंड, गंगा के बहाव क्षेत्र में उसके दोनों किनारों पर प्राकृतिक खेती तो पहले से हो रही है। अब तो क्रमबद्ध तरीके से सरकार इसे पूरे प्रदेश में प्रोत्साहित कर रही है। विश्व बैंक के सहयोग से बुंदेलखंड और पूर्वांचल पर केंद्रित यूपी एग्रीज जैसी योजनाएं भी आने वाले दिनों में निर्यात बढ़ाने में मददगार होंगी।

इस सेक्टर के जरिए निर्यात बढ़ाने के लिए उत्तर प्रदेश की संभावनाएं कई वजहों से बढ़ जाती हैं। मसलन, दुनिया की सबसे उर्वर भूमि इंडो गंगेटिक बेल्ट का सर्वाधिक हिस्सा उत्तर प्रदेश में ही है। गंगा, यमुना, सरयू जैसी नदियों में वर्ष पर्यंत पानी रहता है। सिंचित क्षेत्र का योगी सरकार लगातार विस्तार कर रही है। नौ तरह के कृषि जलवायु क्षेत्र, हर तरह की फसल, सब्जी और फल के लिए इसे उपयुक्त बनाते हैं। (Yogi Adityanath)

देश का सबसे अधिक आबादी वाला प्रदेश होने के कारण श्रम भी अपेक्षाकृत सस्ता है। इन्हीं खूबियों की वजह से उत्तर प्रदेश कई खाद्य पदार्थों और फलों एवं सब्जियों के उत्पादन में देश में नंबर एक पर है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी अक्सर कहते हैं कि प्रकृति और परमात्मा की असीम अनुकंपा की वजह से उत्तर प्रदेश देश का फूड बास्केट बन सकता है। इन्हीं संभावनाओं की वजह से सरकार ने निर्यात का जो लक्ष्य रखा है, उसमें इस सेक्टर की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। सरकार इन संभावनाओं को अमली जामा पहनाने के लिए किसानों और बागवानों की बीज से लेकर बाजार तक हर संभव मदद भी कर रही है।

Pic Credit : ANI

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