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पत्नी के 72 टुकडे़ कर डीफ्रीजर में छुपाने वाले आरोपी को जमानत देने से उच्च न्यायालय का इनकार

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पत्नी के 72 टुकडे़ कर डीफ्रीजर में छुपाने वाले आरोपी को जमानत देने से उच्च न्यायालय का इनकार
नैनीताल | High Court refuses to grant bail: उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने देहरादून के चर्चित अनुपमा गुलाटी हत्याकांड के मुख्य आरोपी राजेश गुलाटी को जमानत देने से इनकार कर दिया है. इस संबंध में सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश आर एस चौहान की अगुवाई वाली पीठ ने इसे जघन्य वारदात करार दिया . बता दें कि उत्तराखंड की अस्थायी राजधानी देहरादून में 17 अक्टूबर, 2010 को अनुपमा गुलाटी की निर्ममतापूर्वक हत्या कर दी गयी थी. अनुपमा के शव के 72 टुकड़े कर शव को डीफ्रीजर में छुपा दिया गया था. पुलिस ने हत्या के मामले में साफ्टवेयर इंजीनियर व अनुपमा के पति राजेश गुलाटी को जेल भेज दिया था. अदालत ने एक सितम्बर 2017 को इसे जघन्य घटना करार देते हुए राजेश गुलाटी को आजीवन कारावास का दोषी माना था.

अच्छे आचरण का प्रमाण पत्र दिखाकर मांगी गई थी बेल

High Court refuses to grant bail: आरोपी पति उसके बाद से जेल में बंद है. इधर, गुलाटी की ओर से सन् 2017 में उच्च न्यायालय में अपील दायर की गयी. इसी सिलसिले में आज कोर्ट में सुनवाई हो रही थी. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने जमानत याचिका पर साफ तौर पर कहा कि ऐसे मामले में बेल नहीं दी जा सकती. आरोपी की ओर से कहा गया कि वह 11 साल से जेल में बंद है और इस दौरान उसका आचरण अच्छा पाया गया है. जेल प्रशासन की ओर से अच्छे आचरण का प्रमाण पत्र भी दिया गया है. इसलिये अभियुक्त जमानत पाने का हकदार है. High Court refuses to grant bail: इसे भी पढें- दिल्ली में राहत से अधिक आफत बनी बारिश, जलजमाव बना मुसीबत – मेट्रो स्टेशन भी बंद

कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका

इसके विपरीत सरकारी वकील ने इस जमानत का विरोध किया. वकील की ओर से कहा गया कि आरोपी ने जघन्य घटना को अंजाम दिया है. अभियुक्त के खिलाफ पेश 42 गवाहों ने इसे निर्मम हत्या करार देते हुए कड़ी सजा की मांग की थी. अंत में मामले को सुनने के बाद खंडपीठ ने जमानत प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है. इसे भी पढें- ट्रेन के हॉर्न की आवाज आपको भी लुभाती है ? अगर हां, तो जानें कैसे हॉर्न के क्या होते हैं मायने
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