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चारधाम यात्रा 2021 : खुल गए है यमुनोत्री धाम के कपाट, इस बार अलग-अलग दिन खुलेंगे यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम के कपाट..

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चारधाम यात्रा 2021 :  खुल गए है यमुनोत्री धाम के कपाट, इस बार अलग-अलग दिन खुलेंगे यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम के कपाट..
यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा का श्री गणेश हो गया है। उत्तराखंड स्थित विश्व प्रसिद्ध यमुनोत्री धाम के कपाट आज खोल दिये गए है। यमुनोत्री धाम के कपाट अभिजित मुहूर्त में दोपहर 12.15 बजे विशेष पूजा अर्चना और विधि विधान के साथ खोल दिए गए है। गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट हर वर्ष अक्षयतृतीया की पावन बेला पर खोले जाते है। लेकिन इस वर्ष यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के अलग-अलग दिन खोले जाएंगे। देश में अभी कोरोना वायरस अनियंत्रित हो रहा है। इस कारण इस वर्ष चार धाम यात्रा में श्रद्धालुओं को यात्रा की अनुमति नहीं है। कपाट खुलते समय मंदिर में पुजारी के अलावा किसी अन्य के आने की अनुमति नहीं होगी।कपाट खुलते समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया। कपाट खुलते ही पहली पुजा-अर्चना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई । प्रधानमंत्री द्वारा 11 सौ एक रुपये मंदिर समिति के खाते में भिजवाए गए हैं।   इसे भी पढ़ें अक्षय तृतीया2021: बीका तेरो बीकाणो जोधाण स सवायो बाजसी..करणी माता के आशीर्वाद से बना बीकानेर, आइये जानते है बीकानेर के इतिहास के बारे में ..

मां यमुना भाई के साथ आई यमुनोत्री धाम

मां यमुना के भाई समेश्वर देवता (शनि महाराज) की डोली भी उन्हें विदा करने यमुनोत्री तक गई। अभिजित मुहूर्त में दोपहर 12.15 बजे विशेष पूजा अर्चना और विधि विधान के साथ यमुनोत्री मंदिर के कपाट खोल दिए गए। उन्होंने बताया कि कोविड महामारी को देखते हुए इस बार कपाटोद्घाटन में पुजारी, तीर्थ पुरोहित एवं पलगीर समेत कुल 25 लोग शामिल हुए। इन सभी लोगों की कोरोना जांच कराई गई है। कपाट खोलते वक्त सामाजिक दूरी का ध्यान रखा गया। यमुनोत्री मंदिर समिति के उपाध्यक्ष राजस्वरूप उनियाल एवं सचिव सुरेश उनियाल ने बताया कि शुक्रवार सुबह आठ बजे मां यमुना की उत्सव मूर्ति को डोली यात्रा के साथ खरसाली से यमुनोत्री धाम के लिए रवाना किया गया।

सर्दियों में मां यमुना खरसाली निवास करती है

चारों धाम ही छः वर्ष के लिए खुलते है और छः वर्ष के लिए बंद रहते है। चारों धाम के कपाट गर्मियों में अप्रैल-मई में खुलते है और दिवाली के समय सर्दियां आते ही बंद कर दिये जाते है। शीतकालीन अवस्था में मां यमुना अपने आई के पास खरसाली में रहती है। और ग्रीष्मकालीन मौसम आते ही अपने धाम यमुनोत्री आ जाती है। इस समय भी यमुनोत्री में भयंकर ठंड रहती है। यमुनोत्री जाने का बड़ा ही दुर्गम रास्ता है। वहां पर घोड़ और पालकी की व्यवस्था होती है। आप पैदल यात्रा भी कर सकते है। जानकी चट्टी से यमुनोत्री धाम की चढ़ाई शुरु होती है।

अलग-अलग दिन खुलेंगे यमुनोत्री धाम और गंगोत्री धाम के कपाट

ऐसा पहली बार हो रहा है जब गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट अलग-अलग दिन खुल रहे हैं। चैत्र नवरात्र के पहले दिन गंगोत्री मंदिर के कपाट खुलने की तिथि 15 मई को निश्चित हुई थी। वहीं अब यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि 14 मई को निश्चित की गई है। अब तक दोनों ही धामों के कपाट अक्षय तृतीया के पर्व पर एक ही तारीख को अलग-अलग मुहूर्त में खुलते आए हैं। तीर्थ पुरोहितों की मानें तो इस बार अक्षय तृतीया का पर्व 14 एवं 15 मई को पड़ रहा है, जिसमें उदय काल 15 मई को होने के कारण गंगोत्री धाम के कपाट खुलने की तिथि 15 मई तय की गई है।

कल खुलेंगे मां गंगोत्री के कपाट

गंगोत्री धाम के कपाट 15 मई को सुबह 7.31 बजे विधि विधान एवं धार्मिक अनुष्ठान के साथ श्रद्धालुओं के लिए खोले जाएंगे। इससे पूर्व 14 मई को सुबह 11.45 बजे मां गंगा की भोगमूर्ति को डोली यात्रा के साथ मुखबा से रवाना किया जाएगा। शाम को भैरोंघाटी पहुंचकर डोली यात्रा यहां स्थित प्राचीन आनंद भैरव मंदिर में रात्रि विश्राम करेगी। अगले दिन मृग श्री नक्षत्र एवं मिथुन लग्न की शुभ बेला में गंगोत्री मंदिर का कपाटोद्घाटन होगा।

यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने पर दीं शुभकामनाएं

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने की सभी श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि कोविड के दृष्टिगत इस बार चारधाम यात्रा पर यात्रियों को जाने की अनुमति नहीं दी गई है। मुख्यमंत्री ने घर पर ही रहकर पूजा-अर्चना करने की अपील की है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा था कि इस बार किसी को भी चारधाम यात्रा की अनुमति नहीं होगी। जैसे ही हालत सहीं होंगे इस बारे में विचार किया जाएगा।

ऑनलाइन चारधाम के दर्शन कराएगी उत्तराखंड सरकार

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले और देश दुनिया के तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सरकार की ओर से इस साल चारधाम यात्रा को स्थगित किया गया है। ऐसे में संकट के इस समय श्रद्धालुओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए भक्तों के लिए सरकार चारधाम के वर्चुअल दर्शन कराने की तैयारी कर रही है। जिससे घर बैठे लोग चारधाम के दर्शन कर सकेंगे। इस संबंध में पर्यटन मंत्री  सतपाल महाराज ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के साथ भी चर्चा की। यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ के वर्चुअल दर्शन की व्यवस्था करने से चारों धामों के दर्शन के इच्छुक श्रद्धालु मंदिर के गर्भगृह को छोड़कर बाकी मंदिर परिसर के ऑनलाइन दर्शन और ऑडियो के माध्यम से पूजा अर्चना कर सकेंगे। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन को ऑनलाइन दर्शन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। पर्यटन मंत्री ने कहा कि देश-विदेश के तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार की ओर से चारधाम को स्थगित करने का फैसला लिया है। श्रद्धालुओं की भावना का आदर करते हुए चारधाम के वर्चुअल दर्शन करने के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। जिससे कोरोनाकाल में घर पर सुरक्षित रहकर तीर्थयात्री चारधाम के वर्चुअल दर्शन करने के साथ पूजा-पाठ और भोग लगाने के साथ आरती भी कर सकेंगे।
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