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बाबा केदारनाथ धाम में हुई सीजन की पहली बर्फबारी, देखें मनमोहक नजारा…

Chardham Yatra 2025

Snowfall in Kedarnath Dham : उत्तराखंड सहित पूरे देश के मौसम में बदलाव देखने को मिला है। देशभर में अचानक से सर्दी बढ़ गई है।

यह सर्दी का बदलाव पहाड़ी राज्यों में बर्फबारी के बाद देखने को मिला है। बात करें देवभूमि उत्तराखंड की तो वहां हमेशा ही मौसम का मिजाज बदलता रहता है।

उत्तराखंड में ऊंची चोटियों पर बर्फबारी शुरू हो गई है। केदारनाथ धाम के पट बंद होने के बाद और शीतऋतु की पहली बर्फबारी हो चुकी है।

केदारनाथ धाम के अलावा गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल घाटी में भी सीजन का पहला हिमपात हुआ है। उत्तराखंड के चारों धामों में सीजन की पहली बर्फबारी हो चुकी है।

बदरीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, गंगोत्री, यमुनोत्री और हर्षिल घाटी में भी सीजन का पहला हिमपात हुआ है, जिससे कड़ाके की ठंड ने पूरे क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया है।

निचले इलाकों में बारिश न होने के कारण ठंड में इजाफा हुआ है, जिससे शीतलहर बढ़ गई है। इस सर्दी से बचने के लिए लोग अलाव जला रहे हैं।

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केदारनाथ धाम में मनमोहक नजारा

आखिरकार मौसम विभाग  की भविष्यवाणी सही साबित हुई और 8 दिसंबर की शाम को उत्तराखंड की ऊंची चोटियां बर्फ की सफेद चादर से ढक गईं।

केदारनाथ धाम समेत ऊंची पहाड़ियों पर सीजन की पहली बर्फबारी हुई। केदारनाथ धाम में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों पर भी इसका प्रभाव पड़ा है।

धाम में पुनर्निर्माण कार्यो में जुटे मजदूरों को सुबह-शाम काम में करने में खासी दिक्कतें उठानी पड़ रही है। सर्दी से बचने के लिए कई स्थानों पर अलाव जलाए गए हैं।

देहरादून जिले के जौनसार बावर के ऊंचाई वाले स्थानों पर भी सीजन का पहला हिमपात हुआ।

चकराता के लोखंडी में सीजन का पहला हिमपात होने से स्थानीय किसान व व्यापारियों के चेहरे खिल उठे।

तुंगनाथ,मदमहेश्वर,कार्तिक स्वामी में बर्फबारी

केदारनाथ धाम के साथ ही देवभूमि के प्रमुख दर्शनीय स्थलों पर बर्फबारी देखने को मिली है।

विश्व का सबसे ऊंचा शिव मंदिर तुंगनाथ, मदमहेश्वर, कार्तिक स्वामी, चन्द्रशिला समेत कई ऊंची पहाड़ियों पर भी हल्की बर्फबारी से मौसम ठंडा हो गया।

केदारनाथ धाम शीतऋतु में 6 माह के लिए बंद रहता है।(Snowfall in Kedarnath Dham)

शीतऋतु में अत्यधिक बर्फबारी के कारण केदारनाथ जाने वाले रास्ते बर्फ के कारण बंद हो जाते है। शीतऋतु के कारण ही चारधाम 6 माह के लिए बंद रहते है।

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