देहरादून। सोशल मीडिया (social media) पर सिपाही भर्ती परीक्षा (constable recruitment examination) में भी धांधली होने की बात फैलाई जा रही है। इसका उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) की स्पेशल टास्क फोर्स ने संज्ञान लिया है। उन्होंने संबंधित को नोटिस भेजते हुए पुष्ट साक्ष्य तीन दिन में पेश करने को कहा है। यदि संबंधित की ओर से साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए गए तो उसके विरुद्ध अफवाह फैलाने के संबंध में कार्रवाई की जाएगी।
एसटीएफ के समक्ष तीन दिवस के अंदर प्रस्तुत करें साक्ष्य:-
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने आम लोग से अपील की है कि यदि किसी भी व्यक्ति के पास पुलिस भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी होने के कोई भी पुख्ता साक्ष्य हैं, तो वह एसटीएफ के समक्ष तीन दिवस के अंदर प्रस्तुत करें। इस संबंध में जांच उपरांत दोषियों के विरुद्ध कड़ी एवं निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी। फर्जी साक्ष्य प्रस्तुत करने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
दूसरी ओर पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने भी इस मामले का संज्ञान लिया है। उन्होंने कहा कि इंटरनेट मीडिया पर गलत सूचना प्रसारित करने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाएगा। यदि किसी के पास भर्ती में धांधली संबंधी कोई साक्ष्य हैं तो वह उपलब्ध कराएं।
परिणामों की जांच कर क्लीन चिट देने की जिम्मेदारी:-
भर्ती परीक्षाओं में लगातार उजागर हो रही धांधली विशेष कर मई – 2022 में हुई एई-जेई परीक्षा में धांधली सामने आने के बाद उत्तराखंड लोकसेवा आयोग ने पिछले दिनों हुई पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा सहित संपन्न हो चुकी अन्य परीक्षाओं, जिनके परीक्षा परिणाम तैयार हो चुके हैं, की जांच की जिम्मेदारी एसआइटी को दे दी है। आयोग एसआइटी की क्लीन चिट के बाद ही इनके परीक्षा परिणाम घोषित करेगा।
इसकी पुष्टि करते हुए उत्तराखंड लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने बताया कि आयोग परीक्षा देने वाले अभ्यार्थियों के साथ अन्याय नहीं होने देना चाहता, इसलिए आयोग ने एसआइटी से परीक्षा परिणाम घोषित करने से पहले इसकी जांच करने का आग्रह किया है। एसआइटी से क्लीन चिट मिलते ही आयोग परीक्षा परिणाम को तत्काल जारी कर देगा। उत्तराखंड लोकसेवा आयोग ने पिछले वर्ष दिसंबर माह में पुलिस कांस्टेबल के 1521 पदों के लिए 413 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की थी। इसमें कुल 1 लाख 20 हजार अभ्यार्थियों ने परीक्षा दी थी।
इस परीक्षा का परिणाम आयोग ने तैयार कर लिया है पर, पहले लेखपाल भर्ती परीक्षा और उसके बाद एई-जेई परीक्षा में सामने आई धांधली को देखते हुए आयोग ने इसके परीक्षा परिणाम को जारी नहीं किया। इसी तरह अन्य परीक्षाओं के परिणाम को भी एसआइटी जांच के बाद ही जारी किया जाएगा। आयोग की ओर से आयोजित सहायक अभियोजन परीक्षा का परिणाम भी एसआइटी जांच के बाद ही जारी किया जाएगा।
उत्तराखंड लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने बताया कि, एई और जेई परीक्षा की जांच का निर्णय और आग्रह उत्तराखंड लोकसेवा आयोग का ही था। अब परीक्षा परिणाम घोषित करने से पहले एसआइटी जांच का आग्रह भी उसी का है। कहा, हम इस बात को पूरी तरह सुनिश्चित कर लेना चाहते हैं कि किसी भी परीक्षा में किसी किस्म की कोई धांधली न होने पाए और अभ्यार्थियों के साथ अन्याय न हो।
आयोग कर्मियों की गोपनीय जांच, दोषियों को मिलेगा कड़ा दंड:-
भर्ती परीक्षाओं में उत्तराखंड लोकसेवा आयोग के कर्मियों की लगातार उजागर हो रह संलिप्तता के बाद आयोग प्रशासन सभी कर्मियों की गोपनीय जांच करा रहा है। आयोग कर्मियों विशेष कर भर्ती परीक्षाओं से जुड़े विभागों के कर्मियों को पूरी तसल्ली कर लेना चाहता है।
आयोग के अध्यक्ष डा. राकेश कुमार ने कहा कि भर्ती ने परीक्षाओं हुई धांधली में आयोग कर्मियों की संलिप्तता शर्मनाक है, यह व्यवस्था, जिम्मेदारी और युवाओं के भविष्य के साथ विश्वासघात है। ऐसे सभी कर्मियों की जानकारी जुटाई जा रही है, उन्हें कड़ा दंड दिलाया जाएगा। (आईएएनएस)