nayaindia Uttarakhand Preparation for Chardham Yatra 2023
उत्तराखंड

कैसी चल रही है चारधाम यात्रा 2023 की तैयारी, जानें यहां

ByNI Desk,
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देहरादून। चारधाम यात्रा 2023 को शुरू होने में अब महज 8 दिनों का ही समय बचा है। इस साल 22 अप्रैल से चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है। इस साल की यात्रा में कोई कमी न रहे, इस बात का प्रदेश सरकार पूरा ख्याल रख रही है। इस साल की यात्रा में सरकार ने कई नई व्यवस्थाएं की है। वहीं परिवहन विभाग ने भी अपनी पूरी तैयारी कर ली है ताकि यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों को आसानी से वाहन मिल सके। इसी कड़ी में परिवहन मंत्री चंदन रामदास (Chandan Ramdas) की अध्यक्षता में चारधाम यात्रा-2023 (Chardham Yatra 2023) की बैठक कार्यालय परिवहन आयुक्त में सम्पन्न हुई।

बैठक में बताया गया कि पिछले वर्ष चारधाम यात्रा में परिवहन विभाग की ओर से जो भी कठिनाईयां हुई थी, उन सभी का निराकरण कर लिया गया है और इस बार यह प्रयास किया जा रहा है कि, चारधाम यात्रा में आने वाले तीर्थ यात्रियों को किसी भी प्रकार की कठिनाई न हो। इसके अतिरिक्त वाहनों को चैकपोस्टों पर रूक कर इन्तजार न करना पड़े इसके लिए चैकपोस्टों पर इन्टरनेट/टेबलेट उपलब्ध कराये जा रहे हैं, जिन्हें ग्रीन कार्ड सॉफ्टवेयर से जोड़ा जा रहा है। विभाग द्वारा यात्रियों की सुविधा हेतु ग्रीन कार्ड मोबाईल ऐप भी विकसित किया जा रहा है, ताकि कोई भी यात्री कभी भी कहीं से भी अपना टिप कार्ड बनावा सके। मोबाईल एप को शीघ्र ही लान्च किया जायेगा।

बैठक में विस्तृत विचार-विमर्श के बाद परिवहन मंत्री ने उपस्थित अधिकारियों को कई निर्देश दिये।

  • चारधाम यात्रा मात्र परिवहन विभाग ही नहीं अपितु पर्यटन विभाग, स्वास्थ्य, पुलिस सभी विभागों से सम्बन्धित है। चूंकि यात्रा हेतु सड़क मार्ग ही एक मात्र साधन है, इसलिए यात्रा का संचालन सभी परिवहन कम्पनियों और परिवहन व्यवसायियों के सहयोग से ही संभव है।
  • इस बार हमारा ध्येय चारधाम यात्रा को पुराने अनुभवों से सीख कर कुछ और बेहतर करने का है। पिछली कमियों को दूर करते हुए, इस बार नई और बेहतर सुविधायें यात्रियों को उपलब्ध कराना हमारा ध्येय है।
  • पहले यात्रा में केवल बुजुर्ग लोग ही यात्रा करते थे, परन्तु आज युवा वर्ग एवं छोटे बच्चे भी यात्रा में आ रहे हैं, इस प्रकार अब यात्रा का स्वरूप बदला है। सरकार का मुख्य ध्येय यह है कि कोई भी यात्री बिना दर्शन के न जाये। सभी को मिलकर ऐसे सार्थक प्रयास करने होंगे ताकि तीर्थ यात्रा पर आने वाले सभी यात्री एक सुखद अनुभव लेकर वापस जायें।
  • इस वर्ष सरकार द्वारा चालकों/परिचालकों के कल्याण के लिए चालक कल्याण योजना भी बनायी जा रही है, जिसके अन्तर्गत सरकार द्वारा प्रथम चरण में 50 लाख रूपए की धनराशि रखी गयी है। इस योजना के अन्तर्गत चालकों/ परिचालकों को प्रशिक्षण, चालकों के लिए धामों में एवं मार्ग पर विश्राम स्थलों की व्यवस्था, उनके लिए भोजन पानी आदि की व्यवस्था एवं यात्रा पर जाने से पूर्व उनके स्वास्थ्य परीक्षण की व्यवस्था की जायेगी, ताकि वं मानसिक रूप से यात्रा हेतु तैयार रहें।
  • विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा आने वाले तीर्थ यात्रियों को सुरक्षित यात्रा उपलब्ध कराने की ²ष्टि से सड़क सुरक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाये। सभी सड़क निर्माण विभागों द्वारा यात्रा मार्गों पर क्रैश बैरियर, ब्लैक स्पॉट सुधारीकरण, गड्ढा मुक्त सड़क आदि की कार्यवाही की जाये।
  • ग्रीन कार्ड का मुख्य उद्देश्य यह है कि चालक परिचालक का पूरी यात्रा के दौरान किसी प्रकार की कोई कठिनाई न हो इस हेतु चालक लाईसेंस, बीमा, टैक्स इत्यादि की जानकारी एक ही दस्तावेज में हो जिससे यात्रियों को अनावश्यक प्रतीक्षा न करनी पड़े।
  • इस साल चारधाम में यात्रियों की संख्या में वृद्धि होने की संभावना है। साथ ही वीकेंड पर ऋशिकेष/हरिद्वार में जाम की स्थिति पैदा हो जाती है, उसके लिए भी नये ट्रैफिक प्लान की व्यवस्था कर दी गयी है।
  • परिवहन निगम यह सुनिश्चित कर लें कि मुख्य मार्गों से बसें हटाकर यात्रा मार्गों पर न लगायी जाये।

(आईएएनएस)

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