Kedarnath Yatra: केदारनाथ यात्रा में इस समय आसमानी आफत ने बाधा उत्पन्न कर दी है. बारिश के कारण केदारनाथ यात्रा बाधित हो गई है. जिस कारण श्रद्धालुओं को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लगातार हो रही भारी बारिश के कारण बाबा केदार की यात्रा को यात्रा को बीच में ही रोकना पड़ा है. बाबा केदार के बक्तों के लिए सोनप्रयाग से आगे की पैदल यात्रा पर रोक लगा दी गई है. इस क्षेत्र में भूस्खलन का खतरा बना हुआ है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने यह कदम उठाया है. प्राकृतिक आपदाओं के चलते यात्रा मार्ग कठिन और जोखिमपूर्ण हो गया है, जिससे श्रद्धालु धाम तक पहुंचने में असमर्थ हैं.
also read: केदारनाथ मार्ग एक बार फिर हादसे का शिकार, लैंडस्लाइड से 4 लोगों की मौत
सोनप्रयाग से ही रोक गई यात्रा
केदारनाथ यात्रा में मौसम बड़ी बाधा बना हुआ है. बारिश के चलते सुबह 8.30 बजे से केदारनाथ पैदल यात्रा सोनप्रयाग से ही रोक दी गई है. बारिश से भूस्खलन का खतरा बना हुआ है. ऐसे में जिला प्रशासन भी अतिरिक्त सावधानी रख रहा है. गत दो माह में केदारनाथ यात्रा मार्ग पर भूस्खलन व अतिवृष्टि से यात्रियों व स्थानीय समेत 20 लोगों की मौत हो और 20 लापता हैं. सोनप्रयाग से केदारनाथ तक हाईवे और पैदल मार्ग भूस्खलन की दृष्टि से अति संवेदनशील है और यहां पग-पग पर जानमाल की क्षति का खतरा बना है. गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग पर बीते 21 जुलाई को तड़के चार बजे चीरबासा में भारी भूस्खलन की चपेट में आने से तीन यात्रियों की मौत हो गई थी. इस दौरान पहाड़ी से बड़े-बड़े बोल्डर और टनों मलबा गिरा था, जिससे पांच यात्री घायल भी हो गए थे.
31 जुलाई को भी हादसे की चपेट में केदारघाटी
इसके बाद बीते 31 जुलाई की देर शाम को भीमबली से लिनचोली के बीच अतिवृष्टि से हजारों यात्री फंस गए थे. SDRF, NDRF, DDRF, पुलिस, होमगार्ड सहित स्थानीय लोगों के द्वारा 13 हजार से अधिक लोगों का रेस्क्यू किया गया. वहीं जिलाधिकारी सौरभ गहरवार और पुलिस अधीक्षक अजय प्रह्लाद कोंडे ने सोनप्रयाग में भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र का स्थलीय निरीक्षण किया. इस दौरान पुलिस अधीक्षक ने यात्रियों व स्थानीय लोगों की सुरक्षा को लेकर शाम पांच बजे के बाद सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच दोतरफा आवाजाही पर रोक लगाने के निर्देश दिए. कहा कि, बारिश होने की स्थिति में यात्रियों की आवाजाही को रोकें।