राज्य-शहर ई पेपर व्यूज़- विचार

Triyuginarayan Temple: जहां शिव-पार्वती ने लिए सात फेरे, उसी अग्निकुंड में आप भी करें शादी

Triyuginarayan TempleImage Source: youtube

Triyuginarayan Temple: कुछ समय से डेस्टिनेशन वेडिंग का प्रचलन हो गया है. आजकल सेलिब्रिटीज से लेकर हर कोई डेस्टिनेशन वेडिंग कर रहा है.

भारत में कुछ जगहें डेस्टिनेशन वेडिंगके लिए बहुत फेमस हो रही है. डेस्टिनेशन वेडिंग का तरीका आजकल कप्पल को बहुत पसंद आ रहा है. डेस्टिनेशन वेडिंग अधिक खर्चीला तरीका हो सकता है.

भारत में एक जगह ऐसी भी है जहां लोग शादी करने के सपने देखते है. भारत में एक ऐसी जगह है, जहां आप डेस्टिनेशन वेडिंग करने के अपने सपने को पूरा कर सकते हैं, वो भी कम पैसों में.

आपको बता दें कि इसी जगह पर भगवान शिव और माता पर्वती ने इसी जगह शादी की थी. जीं हां आप सही समझ रहे हो हम बात कर रहे है देवभूमि उत्तराखंड में स्थि त्रियुगीनारायण मंदिर की.

जिस अग्निकुंड में माता पार्वती और महादेव ने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए थे उस कुण्ड की अग्नि आज भी जल रही है. यह कुंड प्रमाण देता है सच्चे प्यार का. (Triyuginarayan Temple)

ये स्थान धार्मिक महत्व रखने के साथ ही पर्यटन के लिहाज से भी शानदार जगह हो सकती है। हरी-भरी पहाड़ियों के बीच खूबसूरत दृश्यों वाले इस स्थान पर जब दूल्हा और दुल्हन पवित्र अग्निकुंड के समक्ष सात फेरे लेते हैं तो माना जाता है कि स्वयं भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद हुए मिलता है।

ये स्थान शादी के लिए कपल को पैकेज भी देता है जिसके लिए आपको महज कुछ हजार रुपये खर्च करने होते हैं। आइए जानते हैं डेस्टिनेशन वेडिंग के लिए भारत की सबसे सस्ती और सुंदर जगह के बारे में।

also read: December Ekadashi 2024: जानें दिसंबर और साल की आखिरी एकादशी कब है ? नोट करें डेट

त्रियुगीनारायण मंदिर डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल घोषित

देवभूमि कहे जाने वाले उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में डेस्टिनेशन वेडिंग की जा सकती है। यहां ऊखीमठ ब्लॉक में त्रियुगीनारायण मंदिर स्थित है।

ये पवित्र तीर्थ स्थल पर्यटकों के बीच आकर्षण का केंद्र है। उत्तराखंड आने वाले यात्री इस मंदिर में दर्शन के लिए जाना खास पसंद करते हैं।

इस मंदिर को उत्तराखंड सरकार ने वर्ष 2018 से डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल घोषित कर दिया है। सरकार की ओर से इस मंदिर को डेस्टिनेशन वेडिंग स्थल घोषित करने के बाद से यहां केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेश से भी लोग शादी के लिए आते हैं। हर साल त्रियुगीनारायण मंदिर में करीब 200 शादी होती हैं।

भगवान शिव-पार्वती ने की थी यहां शादी

शादी के लिए त्रियुगीनारायण मंदिर की लोकप्रियता कपल्स के बीच बढ़ने की खास वजह भी है। इस मंदिर का इतिहास काफी पुराना है जो कि विशेष धार्मिक महत्व रखता है। (Triyuginarayan Temple)

मान्यता है कि भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह इसी स्थान पर हुआ था। इस मंदिर को शिव-पार्वती के विवाह का प्रतीक माना जाता है।

स्थानीय लोगों के मुताबिक, यहां शिव-पार्वती के विवाह के दौरान जलाई गई अग्नि आज भी जल रही है। विवाह में भगवान विष्णु माता पार्वती के भाई बने थे और ब्रह्मा जी पुरोहित बने थे।

इसलिए इस विवाह स्थल को ब्रह्म शिला भी कहा जाता है, जो कि मंदिर के ठीक सामने हैं। माना जाता है कि मंदिर की स्थापना त्रेता युग में हुई थी।

त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी कैसे करें (Triyuginarayan Temple)

त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी करने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन करवाना पड़ता है, जिसकी फीस 1100 रुपये होती है। रजिस्ट्रेशन के दौरान दूल्हा-दुल्हन का फोन नंबर और आधार कार्ड मंदिर समिति के पास रजिस्टर्ड करवाया जाता है।

शादी पूरे रीति रिवाज के साथ होती है। हल्दी-मेहंदी के कार्यक्रम,नाच-गाना,बारात का स्वागत और पहाड़ी लजीज खाना इन सभी की व्यवस्था मंदिर में की जाती है।

शादी के लिए कितने रुपये खर्च होते हैं

रिपोर्ट्स के मुताबिक, त्रियुगीनारायण मंदिर में शादी के लिए आपको वेडिंग पैकेज दिए जाते हैं, जिसमें शादी का पूरा इंतजाम शामिल होता है।

हल्दी-मेहंदी के फंक्शन से लेकर संगीत, शादी की रस्में, ठहरने की व्यवस्था, सजावट और लजीज खानपान तक की पूरी सुविधा पैकेज में मिल जाती है।

डेस्टिनेशन वेडिंग के साथ ही वेडिंग प्लानर की पूरी सुविधा इसी पैकेज के अंतर्गत आती है। कपल और उनके परिवार को तैयार होकर शादी की रस्मों में शामिल होना होता है। पैकेज लगभग 3-4 लाख का हो सकता है।

कितने मेहमान हो सकते हैं शामिल

अगर आप इस स्थान पर शादी करने की इच्छा रखते हैं तो अपने परिवार और करीबी रिश्तेदारों को ही यहां लेकर आएं। इस मंदिर में शादी करने के लिए ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं ला सकते हैं।

दूल्हा और दुल्हन की तरफ से 15-15 लोग ही शादी में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा मंदिर में प्लास्टिक के सामान पर बैन लगा है। साथ ही धूम्रपान या शराब का सेवन भी वर्जित है।

By NI Desk

Under the visionary leadership of Harishankar Vyas, Shruti Vyas, and Ajit Dwivedi, the Nayaindia desk brings together a dynamic team dedicated to reporting on social and political issues worldwide.

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

और पढ़ें