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भारत में HMPV का रोद्र रूप, सरकार ने जारी की एडवाइजरी, जानें बचाव के उपाय

HMPV virusImage Source: ETV Bharat

HMPV virus: जब दुनिया कोरोना महामारी से धीरे-धीरे उबर रही थी, उसी बीच चीन में ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV) ने नई चुनौती खड़ी कर दी है। कोविड-19 जैसे हालात बनने लगे हैं, अस्पतालों में मरीजों की भीड़ बढ़ रही है, और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो ने दुनियाभर में हलचल मचा दी है।

अब यह वायरस भारत में भी दस्तक दे चुका है, जिससे स्वास्थ्य एजेंसियों और सरकार को सतर्क होना पड़ा है।
HMP वायरस की दस्तक ने कोविड-19 के जैसे हालातों की आशंका को फिर से हवा दी है।

हालांकि, भारत में अब तक मामले सीमित संख्या में हैं, लेकिन सरकार की ओर से की जा रही तैयारियां और एडवाइजरी इस स्थिति से निपटने के लिए एक सकारात्मक कदम है। सावधानी और सतर्कता से इस चुनौती को नियंत्रित किया जा सकता है।

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भारत में HMP,सरकार अलर्ट

भारत में HMP वायरस के अब तक 8 मामले सामने आ चुके हैं, जो देश के 5 राज्यों से रिपोर्ट किए गए हैं।

बेंगलुरु में इस वायरस का पहला मामला सामने आया, जिसके बाद कर्नाटक और महाराष्ट्र में 2-2, गुजरात में 1, पश्चिम बंगाल में 1 और तमिलनाडु में 2 मामलों की पुष्टि हुई है।

देश में HMP वायरस के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र और राज्य सरकारें अलर्ट मोड पर आ गई हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने तैयारियों की समीक्षा शुरू कर दी है।

राज्यों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं, जिनमें वायरस की निगरानी बढ़ाने और मामलों की जल्द पहचान के लिए कदम उठाने पर जोर दिया गया है।

HMP वायरस क्या है?

ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV) एक रेस्पिरेटरी वायरस है, जो मुख्य रूप से बच्चों और बुजुर्गों को प्रभावित करता है। यह वायरस सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षणों से शुरू होता है, लेकिन गंभीर मामलों में यह निमोनिया और सांस लेने में कठिनाई का कारण बन सकता है।

कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग इस वायरस की चपेट में जल्दी आ सकते हैं।चीन में HMP वायरस के कारण अस्पतालों में भीड़ और गंभीर मामलों की संख्या में तेजी देखी जा रही है।

इस स्थिति ने वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय की चिंता बढ़ा दी है। भारत में भी सरकार और स्वास्थ्य एजेंसियां इस वायरस से निपटने के लिए तैयारियों को मजबूत कर रही हैं।

सरकार की एडवाइजरी और तैयारियां

स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को अलर्ट रहने और निम्नलिखित कदम उठाने की सलाह दी है:

स्क्रीनिंग और टेस्टिंग: अस्पतालों में आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग और वायरस की पहचान के लिए टेस्टिंग की सुविधा बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य एजेंसियों को सतर्कता: इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और अन्य स्वास्थ्य संस्थानों को वायरस के अध्ययन और निगरानी पर काम तेज करने का आदेश दिया गया है।
सार्वजनिक जागरूकता: लोगों को HMP वायरस के लक्षणों, बचाव के तरीकों और शुरुआती उपचार के महत्व के बारे में जागरूक किया जा रहा है।

लक्षण और बचाव के उपाय

HMP वायरस के सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, सांस लेने में दिक्कत और थकान शामिल हैं। वायरस से बचाव के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

नियमित रूप से हाथ धोएं, भीड़-भाड़ वाली जगहों पर मास्क पहनें, इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने के लिए पौष्टिक आहार लें, किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

HMPV वायरस कितना खतरनाक?

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने जानकारी दी है कि भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने कर्नाटक में दो बच्चों में ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस (HMPV) संक्रमण की पुष्टि की है। तीन महीने की बच्ची और आठ महीने के बच्चे में यह संक्रमण पाया गया है।

इसके अलावा, गुजरात में भी एक दो महीने की बच्ची इस वायरस से संक्रमित पाई गई है। एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों का कहना है कि HMPV वायरस आमतौर पर गंभीर नहीं होता।

संक्रमितों में अधिकतर फ्लू जैसे लक्षण देखे जाते हैं, जिनमें खांसी, बुखार और गले में खराश शामिल हैं। हालांकि, कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों और बच्चों में यह वायरस थोड़ी चिंता का कारण बन सकता है। बावजूद इसके, इसके गंभीर परिणाम होने की संभावना कम है।

सरकार अलर्ट मोड पर

वायरस के मामलों को देखते हुए सरकार सतर्क हो गई है। तैयारियों की समीक्षा की जा रही है, और सभी राज्यों को दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

संक्रमण की निगरानी: बच्चों में संक्रमण के मामलों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं।
स्वास्थ्य एजेंसियों की सतर्कता: स्वास्थ्य एजेंसियों को अलर्ट पर रहने और वायरस के प्रसार को रोकने के लिए कदम उठाने को कहा गया है।
जागरूकता बढ़ाना: आम जनता को इस वायरस के लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में जागरूक करने पर जोर दिया गया है।

सावधानी के उपाय

बच्चों को साफ-सफाई का ध्यान रखने की सलाह दें।
फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें और मास्क का उपयोग करें।
बच्चों को संक्रमण से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण कराएं।

HMPV वायरस के बढ़ते मामलों के बीच सरकार की सतर्कता और स्वास्थ्य एजेंसियों की सक्रियता से इस संक्रमण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। फ्लू जैसे लक्षण दिखने पर समय पर इलाज और सावधानी से इस वायरस के प्रभाव को कम किया जा सकता है।

बेंगलुरु , नागपुर ,गुजरात में केस

महारष्ट्र के नागपुर में भी HMP वायरस के 2 संदिग्ध मरीज मिले हैं. एक 13 साल की लड़की और एक 7 साल के लड़के के अंदर वायरस मिला है. लगातार सर्दी खांसी और बुखार के बाद परिवार ने जांच करवाई.

रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. हालांकि इन दोनों बच्चों को अस्पताल में भर्ती नहीं करना पड़ा. बेंगलुरु में 8 महीने के एक बच्चे को बुखार की वजह से एक निजी अस्पताल में भर्ती करवाया गया था और जांच के दौरान बच्चे में HMP वायरस पाया गया.

दूसरा मामला भी बेंगलुरू के ही अस्पताल में मिला. इस बार 3 महीने के एक बच्चे में HMP वायरस मिला. इस बच्चे को ब्रोंकोन्यूमोनिया के चलते हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था.

तीसरा मामला गुजरात में

तीसरा मामला गुजरात में मिला और मरीज 2 महीने का एक बच्चा है. ये बच्चा पिछले 15 दिन से बीमार था और उसे राजस्थान के डूंगरपुर से अहमदाबाद के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था, इसलिए राजस्थान में भी HMP वायरस के केस मिलने की आशंका बढ़ गई है.

HMP वायरस का चौथा मामला पश्चिम बंगाल से है, जहां कोलकाता में 5 महीने का एक बच्चा HMPV पॉजिटिव पाया गया है.(HMPV virus)

ये बच्चा बुखार, डायरिया, और उल्टी जैसे लक्षणों के साथ डॉक्टर के पास लाया गया था और वायरस PCR टेस्ट के बाद बच्चे में HMP वायरस होने की पुष्टि हो गई . इस बच्चे को सांस लेने में तकलीफ होने की वजह से रेस्परेटरी सपोर्ट पर रखा गया.

पांचवां और छठा मामला चेन्नई से सामने आया है. दो बच्चों को HMP वायरस की पुष्टि हुई है. भारत में अब तक HMP वायरस के जितने भी केस मिले हैं उसमें छोटे बच्चे ही संक्रमित हुए हैं.

HMP वायरस के बारे में जानिए

HM वायरस का फुल फॉर्म है- ह्यूमन मेटा न्यूमो वायरस
इस वायरस के चलते फ्लू जैसा संक्रमण होता है
इससे प्रभावित शख्स के सीधे संपर्क में आने से इस वायरस का खतरा हो सकता है
जहां तक इसके लक्षणों की बात है तो इसमें खांसी, बुखार, गले में खराश, नाक का बहना या नाक का जाम हो जाना
कुछ मामलों में सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है
ये वायरस कम उम्र के बच्चों, कमजोर इम्युनिटी वालों और बुजुर्गों के लिए खतरनाक हो सकता है
कुछ लोगों में इस वायरस से न्यूमोनिया या ब्रोंकोलाइटिस जैसे खतरनाक लक्षण भी दिख सकते हैं
अभी तक HMP वायरस के लिए कोई वैक्सीन या एंटीवायरल इलाज उपलब्ध नहीं है

लक्षण क्या हैं?(HMPV virus)

HMP वायरस के लक्षणों में चिंता बढ़ाने वाली बात ये है कि इसके कई लक्षण कोविड-19 जैसे ही हैं और इससे संक्रमित होने के बाद किसी मरीज में बिल्कुल वैसे ही बदलाव दिखते हैं जैसे कोरोना में थे.

जैसे कोरोना में वायरस सीधे-सीधे फेफड़ों पर अटैक करता था ठीक वैसे ही इस वायरस में भी फेफड़ों में खतरनाक संक्रमण हो रहा है.

कोरोना की तरह HMP वायरस के लक्षण भी संक्रमित होने के बाद 3 से 5 दिनों में दिखने लगते हैं. जैसे कोरोना में शुरुआत में खांसी और बुखार से होती थी वैसे ही इसमें खांसी और बुखार पहले लक्षण के तौर पर नज़र आते हैं.

जैसे कोरोना एक से दूसरे में फैलता है वैसे ही ये वायरस भी संपर्क में आने से बढ़ता है. जैसे कोरोना ने दुनिया के अस्पतालों में लोगों की लाइन लगा दी थी, 70 लाख से ज़्यादा लोगों की मौत हुई वैसी ही तस्वीर अब चीन में दिख रही है. जहां मरीजों की संख्या अस्पतालों में बढ़ती जा रही है.

चीन में छोटे बच्चों के साथ साथ बुजुर्ग और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग भी HMP वायरस की चपेट में आ रहे हैं.(HMPV virus)

चीन की सरकार ने इस वायरस से जुड़ी कोई भी जानकारी या आंकड़े जारी नहीं किए हैं. जो नए वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किए जा रहे हैं वो हैरान कर देने वाले हैं.

नए वायरस से संक्रमित होने वाले केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं और अस्पतालों के बाहर भीड़ लगी है. अस्पतालों में बेड्स की कमी हो गई. लोग मुंह पर मास्क लगाकर घरों से निकल रहे हैं.

अस्पताल में छोटे बीमार बच्चे बड़ी तादाद में पहुंच रहे हैं. चीन में छोटे बच्चों के साथ साथ बुजुर्ग और कमजोर इम्युनिटी वाले लोग भी HMP वायरस की चपेट में आ रहे हैं.

सरकार ने तैयारी शुरू की

4 जनवरी को ज्वाइंट मॉनिटरिंग ग्रुप की बैठक बुलाई गई। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय के DG की अध्यक्षता में बैठक हुई – दूसरी तरफ चीन के हालात पर बारीकी से नजर रखी जा रही है – WHO से समय पर सही जानकारी मांगी गई है

राहत की बात ये है कि कोविड 19 की तरह इस बीमारी में असामान्य उछाल नहीं देखा जा रहा है – फिर भी सांस संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए अस्पतालों में तेजी से तैयारी की जा रही है

स्वास्थ्य मंत्रालय की बैठक में WHO, DMC यानी डिजास्टर मैनेजमेंट सेल, IDSP यानी एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम, NCDC यानी राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र, ICMR यानी Indian Council of Medical Research, EMR यानी Emergency Medical Relief और AIIMS के विशेषज्ञ शामिल थे.

WHO से कहा गया है कि समय समय पर सही जानकारी दें और सुनिश्चित करें कि इस जानकारी में कोई कन्फ्यूजन नहीं हो. ICMR को कहा गया है कि जांच के लिए टेस्टिंग सेंटर की संख्या बढ़ाएं. IDSP को कहा गया है कि नए केस यानी मरीजों की कड़ी निगरानी रखें.

एडवाइजरी क्या है?

चीन के जैसी स्थिति भारत में ना हो इसके लिए सरकारें तो अलर्ट मोड पर चली गई हैं लेकिन इसमें आपको भी अपनी ओर से पूरी सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि सावधानी ही सुरक्षा है. इसलिए बचाव में आपको क्या करना है वो नोट कर लीजिए.(HMPV virus)

भीड़ वाले इलाकों में मास्क का इस्तेमाल करना है
बार-बार साबुन और पानी से कम से कम 20 सेकेंड तक हाथों को धोना है.
सैनिटाइजर का इस्तेमाल भी करें.
संक्रमित के संपर्क में आने से बचें. अगर कोई लक्षण आपको नजर आता है तो आइसोलेट हो जाएं और जरूरी हो तो डॉक्टर से संपर्क करें.

इलाज क्या है?(HMPV virus)

वर्तमान में एचएमपीवी के लिए कोई एंटीवायरल दवा या टीका उपलब्ध नहीं है. हल्के मामलों में आराम, बुखार और नाक बंद होने की समस्या के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं पर्याप्त हैं.

गंभीर मामलों में, विशेष रूप से निमोनिया या ब्रोंकियोलाइटिस से जुड़े मामलों में ऑक्सीजन थेरेपी और अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता हो सकती है.

कब तक रहता है वायरस?

एचएमपीवी के प्रसार को रोकने के लिए साबुन और पानी से बार-बार हाथ धोने सहित अन्य स्वच्छता उपायों को अपनाना आवश्यक है. छींकते या खांसते समय मुंह और नाक को ढंकना और मास्क पहनना भी इसके प्रसार को सीमित कर सकता है.

संक्रमित व्यक्तियों के साथ निकट संपर्क से बचें. एचएमपीवी संक्रमण के हल्के मामले आमतौर पर कुछ दिनों से लेकर एक सप्ताह तक रहते हैं. खांसी जैसे लंबे समय तक रहने वाले लक्षणों को दूर होने में अधिक समय लग सकता है.

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By NI Desk

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