कोलकाता। आरजी कर अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की घटना के विरोध में 36 दिन से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों के साथ बातचीत करने और हड़ताल खत्म कराने की ममता बनर्जी की कोशिश शनिवार को भी कामयाब नहीं हुई। शनिवार को ममता खुद चल कर उस जगह तक गईं, जहां डॉक्टर धरना दे रहे थे। उन्होंने कहा कि उनसे मिलने सीएम नहीं, बल्कि दीदी आई है। इसके पांच घंटे बाद शाम में करीब छह बजे डॉक्टर मुख्यमंत्री आवास पहुंचे लेकिन वहां वे फिर मीटिंग के लाइव प्रसारण पर अड़ गए और वही पर बात बिगड़ गई। सरकार इसके लिए तैयार नहीं हुई।
शाम में जूनियर डॉक्टर जब मुख्यमंत्री आवास पहुंचे तो उन्होंने मुख्यमंत्री के साथ मीटिंग के लाइव प्रसारण की मांग फिर से रखी। इसके लिए सरकार तैयार नहीं हुई। ममता बनर्जी अपने आवास से बाहर निकलीं और उन्होंने डॉक्टरों से कहा कि वे वीडियो रिकॉर्डिंग कराने को तैयार हैं और बाद में उनको वीडियो टेप दे देंगी। लेकिन डॉक्टर तैयार नहीं हुए। इस पर आहत होते हुए ममता ने कहा कि वे इस तरह से उनका लगातार अपमान करते नहीं रह सकते हैं।
इससे पहले दोपहर डेढ़ बजे के करीब ममता बनर्जी स्वास्थ्य भवन के बाहर प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों से खुद मिलने पहुंचीं थी। डॉक्टर वहां 10 सितंबर से प्रदर्शन पर बैठे हैं। ममता ने डॉक्टरों से कहा- मेरा पद नहीं, लोगों का पद बड़ा है। मैं मुख्यमंत्री नहीं, बल्कि आपकी दीदी बनकर आपसे मिलने आई हूं। ममता ने कहा- आप काम पर लौटिए, मैं मांगों पर विचार करूंगी। ममता ने कहा- सीबीआई से कहूंगी कि दोषियों को फांसी दी जाए। मैं आपके प्रदर्शन को सलाम करती हूं। आपके साथ अन्याय नहीं होने दूंगी।
ममता ने आगे कहा- यह मेरी तरफ से बातचीत की आखिरी कोशिश है। आपके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं होगी, क्योंकि मैं लोकतांत्रिक आंदोलन को दबाने में विश्वास नहीं करती। इसके साथ ही ममता ने राज्य के सभी सरकारी अस्पतालों की रोगी कल्याण समितियों को भंग करने की भी घोषणा की। गौरतलब है कि 10 सितंबर से लेकर अभी तक ममता चार बार डॉक्टरों से बैठकर बातचीत की पहल कर चुकी हैं। डॉक्टरों ने उनके हर प्रस्ताव को खारिज कर दिया। डॉक्टर मीटिंग के लाइव प्रसारण पर अड़े हैं।