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ममता के सामने डॉक्टरों की शर्त

कोलकाता। आरजी कर अस्पताल की जूनियर डॉक्टर से बलात्कार और जघन्य हत्या के खिलाफ 32 दिन से हड़ताल और प्रदर्शन कर रहे जूनियर डॉक्टरों ने पश्चिम बंगाल सरकार से बातचीत के लिए शर्तें रखी हैं। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में ही वार्ता होनी चाहिए और उस वार्ता की लाइव स्ट्रीमिंग होनी चाहिए यानी डॉक्टर चाहते हैं कि सरकार से उनकी बातचीत का सीधा प्रसारण हो, जिसे पूरा प्रदेश देखे। वे सिर्फ वार्ता की रिकॉर्डिंग नहीं चाहते हैं, बल्कि सीधा प्रसारण चाहते हैं।

गौरतलब है कि नौ अगस्त को हुई घटना के खिलाफ चल रही डॉक्टरों की हड़ताल खत्म करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 10 सितंबर को शाम पांच बजे तक का समय दिया था और कहा था कि उसके बाद राज्य सरकार कार्रवाई के लिए स्वतंत्र है। लेकिन डॉक्टरों ने हड़ताल खत्म नहीं की है। अब वे सरकार से बातचीत के लिए तैयार हैं लेकिन उन्होंने चार शर्तें रखी हैं। हड़ताली जूनियर डॉक्टरों ने बुधवार को सरकार से बातचीत की सहमति दी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को एक ईमेल भेजकर मिलने का समय मांगा।

इससे पहले मंगलवार, 10 सितंबर को राज्य सरकार ने डॉक्टरों को वार्ता के लिए बुलाया था। स्वास्थ्य विभाग की तरफ से उन्हें मेल भेजा गया था। हालांकि जूनियर डॉक्टरों ने मीटिंग में आने से मना कर दिया। उन्होंने कहा- हम जिसका इस्तीफा मांग रहे हैं, वही बैठक के लिए बुला रहा है। उसमें भी सरकार ने सिर्फ 10 डॉक्टरों को बुलाया। ये आंदोलन का अपमान है। डॉक्टरों के इनकार के बावजूद ममता ने करीब डेढ़ घंटे तक उनका इंतजार किया। आखिरकार जब डॉक्टर नहीं आए, तो ममता लौट गईं। गौरतलब है कि हड़ताल कर रहे डॉक्टर राज्य के स्वास्थ्य सचिव का इस्तीफा मांग रहे हैं।

बहरहाल, डॉक्टर हड़ताल के 32वें दिन सरकार से बातचीत के लिए तैयार हुए लेकिन उनकी चार शर्तें हैं। वे चाहते हैं कि मीटिंग में 30 जूनियर डॉक्टरों को शामिल होने की इजाजत मिले और मीटिंग नबन्ना में यानी राज्य सचिवालय में हो। दूसरी मांग है कि पारदर्शिता के लिए इसकी लाइव स्ट्रीमिंग की जाए। तीसरी मांग यह है कि मीटिंग का पूरा फोकस जूनियर डॉक्टरों की पांच मांगों पर हो और चौथी शर्त है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मीटिंग में जरूर शामिल रहें।

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