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तालिबान का तांडव, आफत में अफगानिस्तान, भारत को दे दी यह धमकी

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तालिबान का तांडव, आफत में अफगानिस्तान, भारत को दे दी यह धमकी
Kabul Attack Taliban काबुल | तालिबान ने शनिवार को काबुल के आसपास अपनी क्षेत्रीय पकड़ मजबूत कर ली है। तालिबानियों का आतंक लगातार बढ़ रहा और अफगानिस्तान की आफत बड़ी हो रही है। आतंकवादियों के हमले से राजधानी काबुल में शरणार्थियों की बाढ़ सी आ गई है। अमेरिकी सैनिक आपातकालीन निकासी में जुटे हैं। तालिबान काबुल से मात्र 50 किलोमीटर दूर है। अब अमेरिका समेत दुनिया के तमाम देश अपने नागरिकों को काबुल से बाहर निकालने के लिए छटपटा रहे हैं। अमेरिकी दूतावास के कर्मचारियों को संवेदनशील सामग्री को नष्ट करने का आदेश दिया गया है। ब्रिटेन, जर्मनी, डेनमार्क और स्पेन सहित कई यूरोपीय देशों ने शुक्रवार को अपने-अपने दूतावासों से कर्मियों को वापस लेने की घोषणा की। तालिबानियों ने अमेरिका का हश्र देखने की राय देते हुए भारत को भी सै​न्य कार्यवाई नहीं करने की धमकी दी है। आगे क्या होगा काबुल के निवासियों और हाल के हफ्तों में वहां शरण लेने वाले हजारों लोगों के लिए, भारी मनोदशा और भ्रम की स्थिति है। हर कोई आशंका में है कि आगे क्या होगा। इसी बीच संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने कहा कि वह तालिबान द्वारा जब्त किए गए क्षेत्रों में महिलाओं के साथ खराब व्यवहार शिकायत मिली है। अब अफगान लड़कियों और महिलाओं के कड़ी मेहनत से जीते गए अधिकारों के हालात को भयावह और हृदयविदारक रूप से देखना पड़ रहा है। [web_stories title="true" excerpt="false" author="false" date="false" archive_link="true" archive_link_label="KL rahul" circle_size="150" sharp_corners="false" image_alignment="left" number_of_columns="1" number_of_stories="5" order="DESC" orderby="post_title" view="circles" /] Kabul Attack Taliban तालिबान की प्रगति और गति ने अफगानों और अमेरिका के नेतृत्व वाले गठबंधन को झकझोर कर रख दिया है। लगभग 20 साल पहले 11 सितंबर के हमलों के मद्देनजर तालिबान को पस्त करने के बाद देश में अरबों डॉलर का निवेश किया था। अमेरिका के सैनिक वापस बुलाए आपको याद होगा कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने जुलाई के अंत में अमेरिका के सैनिक अफगानिस्तान से वापस बुला लिए थे। इसके बाद हाल के दिनों में तालिबान के हमले में तेजी आई है, उत्तर में हेरात पर कब्जा कर लिया गया है। इसके कुछ ही घंटों बाद, कंधार पर भी कब्जा कर लिया गया है। कंधार निवासी अब्दुल नफी का कहना है कि "मैं आज सुबह बाहर आया, मैंने शहर के अधिकांश चौकों में तालिबान के सफेद झंडे देखे। "मैंने सोचा कि यह ईद का पहला दिन हो सकता है।"

Afghanistan सरकार पर मंडरा रहा Talibani खतरा, काबुल के नजदीक पहुंचे लड़ाके, मार गिराया ईरानी मिलिट्री ड्रोन

तालिबान समर्थक सोशल मीडिया अकाउंट्स ने आतंकवादी समूह द्वारा कब्जा किए गए युद्ध की विशाल लूट का दावा किया है। बख्तरबंद वाहनों, भारी हथियारों और यहां तक ​​​​कि उनके लड़ाकों द्वारा छोड़े गए सैन्य ठिकानों पर जब्त किए गए ड्रोन की तस्वीरें पोस्ट की जा रही है। हेरात में, तालिबान ने लंबे समय से मजबूत रहे इस्माइल खान को पकड़ लिया। जिसने अपने मिलिशिया सेनानियों के साथ प्रांतीय राजधानी की रक्षा का नेतृत्व करने में मदद की। अमेरिका और ब्रिटेन भेज रहे सैनिक हालातों से निबटने के लिए अमेरिका और ब्रिटेन अपने सैनिक भेज रहे हैं। हालांकि यह सैनिक वहां से अपने नागरिकों को निकालने के लिए भेजे जा रहे हैं। अमेरिका करीब साढ़े तीन हजार सैनिक भेज रहा है। वहीं ब्रिटेन की ओर से छह सौ अतिरिक्त सैनिक भेजे जा रहे हैं। काबुल से कनाडाई लोगों की निकासी के लिए विशेष बलों को भी तैनात किया जाएगा। https://twitter.com/ANI/status/1426368011817000966?s=20 भारत को प्यार भरी धमकी तालिबान के प्रवक्ता शाहीन ने कहा है, 'भारत द्वारा अफगानिस्तान के लोगों के लिए बांध, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्रॉजेक्ट और दूसरे विकास, पुनर्निर्माण और लोगों की आर्थिक संपन्नता के लिए गए काम की हम सराहना करते हैं।' शाहीन का कहना है कि भारतीय प्रतिनिधिमंडल से अलग से कोई मीटिंग नहीं हुई है। दोहा में एक बैठक के दौरान भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था। उसने कहा है कि सैन्य कार्रवाई यदि भारत करता है तो अंजाम अच्छा नहीं होगा। प्रवक्ता ने भारत को 'दूसरे देशों' के हाल से सीखने की राय दी है। उसका इशारा अमेरिका की ओर था जिसने अपनी सेना करीब 20 साल तक चली जंग के बाद वापस बुला ली है।
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